एडीबी प्रोजेक्ट के तहत बन रहे छुईखदान-दनिया मार्ग निर्माण में प्रशासनिक लापरवाही उजागर
तहसीलदार ने दी गलत एलओआर उपलब्धता सम्बंधित प्रमाण पत्र
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. एडीबी प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन छुईखदान से दनिया मार्ग निर्माण में प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई है. जानकारी अनुसार एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारी का कहना है कि राजस्व विभाग छुईखदान कि ओर से जो हमें आरओडब्ल्यू दिया गया है उसमें दनिया रोड में रोड के मध्य रेखन से दोनों ओर 20-20 मीटर भूमि उपलब्ध होना बताया गया है. इसके बाद ही हमारे निर्माण सलाहकार द्वारा मार्ग निर्माण के लिये एक रेखन निर्धारित किया गया है. उक्त बातें लिखते हुये एडीबी प्रोजेक्ट प्रबंधक के द्वारा राजस्व विभाग को पत्र लिखकर किसानों के द्वारा रोड के जद में जमीन आने की बात कहते हुये जो कानूनी नोटिस भेजा गया है, उसको निराकरण हेतु नोटिस की प्रति अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) छुईखदान को प्रेषित कर 9 अक्टूबर को गठित दल को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है.
ड्यूटी लगने के बाद भी छुईखदान तहसीलदार रही नदारद
इधर एडीबी प्रोजेक्ट के अधिकारी के इस आग्रह का कोई असर राजस्व विभाग या 09 अक्टूबर को गठित दल पर होता हुआ देखने को नहीं मिल रहा है. इस सम्बंध में गठित दल के एक सदस्य से जब जानने का प्रयास किया गया तो उसने बताया कि प्रतिवेदन अब तक प्रस्तुत ही नहीं किया गया है. इधर किसान लगातार परेशान हो रहे हैं, न राजस्व विभाग कि ओर से न एडीबी प्रोजेक्ट की ओर से किसानों को कोई जवाब दिया जा रहा है, न मुआवजा दिलाने की दिशा में पहल कर रहे हैं. किसानों की जमीन सीमांकन के लिए गठित टीम में से गंडई तहसील के गांवों में सीमांकन के समय गंडई तहसीलदार, आरआई, पटवारी तो उपस्थित रहे किन्तु छुईखदान तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा ने किसानों की तकलीफ़ समझने के बजाये अब तक जितने भी सर्वे हुये उसमें उपस्थिति के बजाय नदारद ही रही हैं.
राजधानी रायपुर जाने की तैयारी में किसान
तहसीलदार के इस उदासीनता से किसानों में नाराजगी भी है. इधर किसान पूरे मामले को लेकर राजधानी रायपुर जानें की तैयारी में हैं. किसान मंत्री और एडीबी प्रोजेक्ट के बड़े अधिकारियों से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी देकर न्याय की मांग करेंगे साथ ही किसानों ने दोषियों पर कार्यवाही की भी मांग करेंगे.
अब तक आधे अधूरे अधिग्रहण की प्रक्रिया
पट्टा भूमि के मुआवजा देने या नहीं देने के मुद्दे पर राजस्व विभाग मौन धारण कर लिए हैं. खैरागढ़ जिला कार्यालय भू-अर्जन शाखा से संबद्ध वरिष्ठ लिपिक दिनेश चंदेल का कहना है कि सिर्फ 03 गांव के किसानों की निजी भूमि अधिग्रहण का प्रकरण आया है और 06 गांव उदयपुर, पद्मावतीपुर, गोपालपुर, सिलपट्टी आदि के निजी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अपूर्ण है, शेष गांव दनिया, उदान, जोम, मैंहर, महुआभाठा आदि गांव का भूमि अधिग्रहण संबंधित कोई फाइल छुईखदान एसडीएम कार्यालय से नहीं आया है. श्री चंदेल ने बताया कि जैसे ही अधिग्रहण पर निर्णय जिला भू-अर्जन अधिकारी के द्वारा लिया जायेगा, उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया नियमानुसार की जायेगी. पट्टा भूमि के अधिग्रहण के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दे पायेंगे.
न्याय नहीं मिलने से प्रभावित किसान हैं परेशान
पूरे मामले में एकतरफा किसानों के साथ अन्याय हो रहा है और न्याय नहीं मिलने से प्रभावित किसान बेहद परेशान हैं. दूसरी ओर सरकार की छबि को कलंकित करने को आतुर आधिकारियों की उदासीनता से जनाक्रोश अपने चरम पर है. बताया जाता है कि प्रशासन के ढुलमुल रवैय्ये से सत्ता पक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधि भी नाराज हैं. जिन परिवारों के घर भू-स्वामित्व वाले पट्टा भूमि में बने थे, वो भी मुआवजा के लिये प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं पर उचित और न्यायपरक जवाब कहीं से भी नहीं मिल पा रहा है.
बड़े आन्दोलन की तैयारी में भाजपा- ताम्रकार
पूरे मामले को लेकर भाजपा नेता खम्हन ताम्रकार ने बताया कि अब तक केवल हवा हवाई बातें राजस्व विभाग और एडीबी परियोजना की अधिकारियों द्वारा की जा रही है. एक माह गुजर जाने के बाद भी पुन: सर्वे की घोषणा कर टीम का गठन किये हुये लेकिन आज तक धरातल में शून्य है. सांसद संतोष पाण्डेय एवं भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेताओ को विषय को अवगत करा कर बड़ा आंदोलन कर सरकार को घेरने की तैयारी है. प्रभावित परिवार और किसानों को हर हाल में न्याय दिला कर रहेगें.
एडीबी लोन 3 के अंतर्गत छुईखदान दनिया मार्ग के पुनर्निर्माण के लिये आरओडब्ल्यू उपलब्धता संबंधित प्रमाण पत्र तहसीलदार छुईखदान द्वारा जारी किया गया है. तदनुसार उक्त सडक़ निर्माण के लिये निर्माण सलाहकार द्वारा मार्ग का रेखन निर्धारित किया गया है.