इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में त्रिदिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ

कुलपति प्रो.लवली शर्मा ने किया उद्घाटन, अधिष्ठाता प्रो. राजन यादव रहे मुख्य वक्ता

आम नागरिकों के लिए भी खोले गए पुस्तक प्रदर्शनी के द्वार
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के ग्रंथालय में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत महोत्सव के अवसर पर त्रिदिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी की शुरुआत हुई। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ 16 सितंबर को कुलपति प्रो.लवली शर्मा ने किया। कुलपति ने विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को संबोधित करते हुए डिजिटल युग में भी भौतिक पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिदिन पुस्तक पढ़ने की आदत को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की बात कही और विशेषकर सोने से पहले पढ़ने की सलाह दी। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए उन्होंने ग्रंथालय प्रभारी और कर्मचारियों की सराहना की।

राज्य निर्माण की 25 वर्षों की यात्रा पर व्याख्यान इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रो.राजन यादव अधिष्ठाता, लोक संगीत एवं कला संकाय ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण से पहले की परिस्थितियों और 25 वर्षों की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने इतिहास, कला, साहित्य और संस्कृति के ख्यातिलब्ध व्यक्तित्वों के योगदान को याद किया। प्रभारी कुलसचिव डॉ.सौमित्र तिवारी ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को ग्रंथालय का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन ग्रंथालय प्रभारी डॉ.जे.मोहन ने किया और छत्तीसगढ़ी साहित्य एवं अन्य पुस्तकों की जानकारी साझा करते हुए नगरवासियों को प्रदर्शनी में आमंत्रित किया। इस अवसर पर संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो.नमन दत्त, सहायक प्राध्यापक डॉ.मंगलानंद झा, डॉ.लिकेश्वर वर्मा, डॉ.कौस्तुभ रंजन, डॉ.दीपशिखा पटेल, डॉ.दिवाकर कश्यप, श्री विवेक नवरे, जगदेव नेताम, डॉ. प्रबोध गुप्ता सहित ग्रंथालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।