आरोपियों को बचाने का आरोप, थाना प्रभारी व एएसआई की एसपी से शिकायत
किसान ने पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. अपने फसल की चोरी के बाद आरोपी चोरों से मार खाने व गंदी गाली-गुफ्तार के साथ जान से मारने की धमकी सहने वाले किसान व उसके परिवार ने एसपी से लिखित में शिकायत दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है. दरअसल पूरा मामला खैरागढ़ जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किमी दूर जालबांधा पुलिस चौकी क्षेत्र का है. ग्राम शेरगढ़ निवासी गरीब कृषक बैसाखू राम भरतद्वाज पिता गौकरण उम्र 50 वर्ष ने एसपी अंकिता शर्मा से लिखित में शिकायत दर्ज कराई है कि वह अनुसूचित जाति का अनपढ़ किसान है और ग्राम बफरा खार में स्थित लगभग 3 एकड़ भूमि में फसल उगाकर अपना जीविकोपार्जन करता है. कुछ ही महीने पहले पीडि़त किसान ने लगभग 1 एकड़ में चना और अन्य भूमि में हरी साग-सब्जी, धनिया व मसूर सहित अन्य फसल लगाई थी जो लगभग पककर तैयार है. बीते 8 मार्च की रात्रि अपने पुत्र व नाती के साथ छिपकर फसल की रखवाली कर रहा था क्योंकि लगभग एक सप्ताह से रोज अज्ञात चोर द्वारा उसके चने की फसल को उखाडक़र चोरी की जा रही थी और लगभग आधे एकड़ की चने की फसल जो पककर पूरी तरह तैयार थी चोरी हो चुकी थी. इसी परेशानी के कारण रात में किसान अपने परिजनों के साथ अपनी फसल को बचाने पहरा दे रहा था तभी रात तकरीबन 10:30 बजे 13 अज्ञात लोग छिपकर खेत के पास आये और फिर खेत से चने की फसल को उखाडक़र चुराने लगे.
अपने आंख के सामने फसल की चोरी व बर्बादी देखकर किसान परिवार उद्वेलित होकर चोरों को पकडऩे खेत की ओर दौड़े जिसमें से 2 चोरों को उन्होंने पकड़ा जिनका नाम रूपेश व भोमेश है लेकिन अपने साथियों को बचाने अन्य 11 चोर वापस लौटे और किसान व उसके परिवार से बेदम मारपीट शुरू कर दी तथा गंदी गाली-गुफ्तार कर जान से मारने की धमकी देकर वहां से फरार हो गये लेकिन साहसी कृषक परिवार ने 2 चोरों को पकड़े रखा. मारपीट से पीडि़त किसान के नाक व मुंह से खून निकलने लगा जिसके बाद उसके पुत्र ने 112 को कॉल किया और 112 की टीम को सौंप दिया जिसके बाद 112 की टीम ने चोरों द्वारा उखाड़े हुये चने की फसल व पकड़े गये आरोपी रूपेश व भोमेश को अपने साथ बैठाकर जालबांधा पुलिस चौकी ले गये और दो दिन बाद 10 मार्च को जालबांधा के सरकारी अस्पताल में जांच करवाकर राजनांदगांव चेकअप के लिये उन्हें रिफर कराया गया.
जानबूझकर बचाया गया आरोपी चोरों को
पीडि़त किसान ने बताया कि जानबूझकर चोरी सहित मारपीट आदि में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिये जालबांधा पुलिस ने सिर्फ 4 व्यक्तियों के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत कार्यवाही की जबकि 9 आरोपियों को बख्श दिया गया. और तो और खेत से चोरी हुई चने की फसल की जप्ती भी नहीं बनाई गई. किसान परिवार का आरोप है कि जालबांधा चौकी प्रभारी से उनके द्वारा बार-बार मिन्नतें की गई लेकिन उन्होंने आरोपियों के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जो संदेह को जन्म देता है. कार्यवाही नहीं होने से बुरी तरह पीडि़त किसान परिवार ने एसपी सुश्री शर्मा से गुहार लगाते हुये न्याय की अपील की है और आरोपियों सहित जालबांधा चौकी प्रभारी व मामले में जांच अधिकारी एएसआई आरके ठाकुर के विरूद्ध भी उचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई है.
जालबांधा पुलिस ने 13 में से 4 के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत की है कार्यवाही
जालबांधा पुलिस ने 9 मार्च को 13 में से 4 आरोपियों के विरूद्ध मामूली धाराओं के तहत कार्यवाही की है जिससे पीडि़त किसान परिवार क्षुब्ध है. पुलिसिया कार्यवाही में जालबांधा पुलिस ने ग्राम बफरा निवासी नोहर पाड़े, धर्मेन्द्र सेन, विनोद विश्वकर्मा व खेमचंद नेताम के विरूद्ध 294, 323, 506, 34 के तहत कार्यवाही की थी और मामूली जमानतीय धारा होने के कारण मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया था. पुलिस की इस भेदभावपूर्ण कार्यवाही से नये जिले में पुलिस की न्यायपूर्वक कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बहरहाल पीडि़त किसान परिवार की उम्मीद एसपी अंकिता शर्मा से बंधी हुई है कि वो अपने न्यायप्रिय कार्यशैली से पीडि़त किसानों के साथ किस तरह इंसाफ करेंगी.