आबकारी विभाग की लचरता से ढाबा व चखना दुकानों में छलक रहा जाम
मोटी रकम बंधे होने से कार्यवाही के लिये हाथ भी बंधे
पुलिस टीम कुछ हद तक लगा पा रही है इन पर लगाम
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. आबकारी विभाग की लचरता के कारण अब ढाबा तथा चखना दुकानों में बेधडक़ जाम छलकाया जा रहा है. शासकीय शराब दुकान के आसपास चारों ओर होटल तथा ढाबे का संचालन हो रहा है जहां शराबप्रेमी बिना किसी खौफ के पहुंच रहे हैं और शराब पीकर निकल जाते हैं. चखना दुकान की आड़ में इस तरह कार्य बिना किसी खौफ के होना कहीं न कहीं प्रशासनिक लचरता को दर्शाता है जिसमें आबकारी विभाग पहले नंबर पर आता है जिसके बाद पुलिस विभाग जो वर्तमान में निजात अभियान के तहत कुछ हद तक इन पर लगाम लगा पायी है. निजात अभियान के शुरू होने बाद कुछ माह तक अवैश शराब परिवहन करने वाले, ढाबा व चखना दुकानदारों के साथ ही नगर सहित अंचल में अवैध शराब बिक्री करने वाले कोचियों पर पुलिस टीम ने कार्यवाही की थी लेकिन आबकारी विभाग की भूमिका कहीं नजर नहीं आयी. वर्तमान में चखना दुकानदारों पर न ही पुलिस टीम कार्यवाही कर रही है और न ही आबकारी विभाग सक्रियता दिखा रही है.
छोटे दुकानों में होती है कार्यवाही
बता दे कि पुलिस तथा आबकारी टीम सार्वजनिक जगहों पर एक-दो पौव्वा शराब पीने वाले लोगों के साथ ही छोटे दुकानों पर कार्यवाही कर वाहवाही लूट रही है लेकिन ढाबा तथा चखना सेंटर की आड़ में रोजाना शराब पिलाने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं करते. ढाबा व चखना सेंटर के संचालकों का प्रति माह पुलिस तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मोटी रकम बंधी हुई है जिसके मुताबिक अधिकारियों का समय-समय पर जेब गर्म हो जाता है इस कारण एका-एक बड़े चखना दुकानदारों पर कार्यवाही करने से कतराते हैं और सक्रियता दिखाने छोटे दुकानों पर कार्यवाही किया जाता है. फिलहाल निजात अभियान के निष्क्रिय होने से एक बार फिर अवैध शराब तस्करों सहित चखना दुकानदारों के हौसले बुलंद हो गये हैं जिस पर आबकारी विभाग भी नियंत्रण नहीं लगा पा रही है.
धड़ल्ले से चल रहा अवैध शराब का कारोबार
नगर के लगभग सभी वार्डों के साथ ही अंचल में धड़ल्ले से अवैध शराब का कारोबार अभी भी चल रहा है. नगर के बस स्टैंड, पिपरिया, अमलीडीह खुर्द, दाऊचौरा वार्ड सहित ग्राम बाजार अतरिया, जालबांधा, देवरी, पांडादाह के साथ लगभग सभी गांवों में अवैध शराब बिक्री हो रही है जिस पर लगाम लगा पाना आबकारी तथा पुलिस विभाग के लिये चुनौती साबित हो रहा है. नगर में संचालित शासकीय शराब दुकान से बिना किसी खौफ बड़ी मात्रा में अवैध शराब का परिवहन हो रहा है और गांवों तक पहुंचकर कोचिया अधिक दाम पर शराब परोस रहे हैं. मादक पदार्थों के अवैध कारोबार को नियंत्रित करने आबकारी विभाग की मुख्य भूमिका होनी चाहिये लेकिन बीते सालभर से आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नजर नहीं आ रहे हैं.
नगर के चौक-चौराहों में हो रहा शराबखोरी
नगर के चौक-चौराहों में शराबखोरी का मामला बढ़ता ही जा रहा है. शासकीय संस्थानों के परिसर, फतेह मैदान सहित बायपास रोड पर शराबप्रेमी बेखौफ शराब का सेवन कर रहे हैं और शराब की बोतल सहित प्लास्टिक कचरा कहीं भी फेककर निकल जाते हैं. यहां तक कि शराबखोर स्कूल परिसर को भी नहीं छोड़ते बल्कि स्कूल परिसर तथा कॉलेज परिसर में ही अधिक समय तक शराबखोरी करते हैं. सार्वजनिक जगहों पर शराबियों का शराब पीना आम बात हो गई है जिसका मुख्य कारण संबंधित विभाग के अधिकारियों का गश्त नहीं करना है. शराबखोरों पर लगाम लगाने पुलिस तथा आबकारी विभाग लगातार गश्त नहीं कर रहे हैं जिसके कारण लोग रोड किनारे भी चैन से बैठकर शराब पीकर निकल जाते हैं जिससे आसपास का माहौल भी खराब हो रहा है.