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आबकारी आरक्षक परीक्षा में हंगामा: ड्रेस कोड के नाम पर 100 से अधिक अभ्यर्थी बाहर

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. प्रदेश स्तर पर आयोजित व्यापम की आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा रविवार को खैरागढ़ में भारी अव्यवस्था और भ्रम का शिकार हो गई। परीक्षा केंद्रों पर ड्रेस कोड के नाम पर 100 से अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया जिसके बाद आक्रोशित उम्मीदवारों ने कलेक्टर बंगले का घेराव कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की। बता दे कि परीक्षा का समय सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:15 बजे तक निर्धारित था जबकि प्रवेश की अंतिम समय सीमा 10:30 बजे रखी गई थी लेकिन कई परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि वे सुबह 9 बजे से पहले परीक्षा केंद्र पहुंच गए थे फिर भी उन्हें ड्रेस कोड का हवाला देकर गेट से लौटा दिया गया। उन्हें कहा गया कि टी-शर्ट या साड़ी बदलकर आएं लेकिन जब वे वापस लौटे तो गेट बंद कर दिया गया था और उन्हें प्रवेश नहीं मिला।

महिला अभ्यार्थियों के साथ भेदभाव का आरोप

पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला मामला एक महिला अभ्यर्थी का रहा जिसे साड़ी पहनने पर परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया। महिला ने बताया, “मैं अपने ससुराल में रहती हूं” जहां मुझे सलवार-सूट पहनने की अनुमति नहीं है। मैंने छुपकर पढ़ाई की और इस परीक्षा में शामिल होने आई थी लेकिन सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि मैंने साड़ी पहनी थी। यह सरासर अन्याय है।”

अभ्यर्थियों ने कई केंद्रों पर बरपाया हंगामा

सबसे अधिक हंगामा पीएमश्री बख्शी स्कूल, विवेकानंद पब्लिक स्कूल, रानी रश्मिदेवी कॉलेज और डाइट खैरागढ़ परीक्षा केंद्रों में हुआ। ड्रेस कोड को लेकर भ्रम और प्रशासन की सख्ती के कारण कई उम्मीदवारों ने जिन्हें कड़े नियमों के नाम पर प्रवेश नहीं मिला परीक्षा स्थल पर ही नारेबाजी शुरू कर दी।

सड़क पर उतरे अभ्यर्थी, कलेक्टर बंगले का किया घेराव

परीक्षा से वंचित किए गए अभ्यर्थियों ने दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर लगभग 11:30 बजे कलेक्टर बंगले का घेराव कर दिया। कलेक्टर बंगले के घेराव के दौरान सिविल लाइन में खैरागढ़-कवर्धा मुख्य मार्ग पर जाम लग गया जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ। मौके पर पहुंचे एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू एवं डिप्टी कलेक्टर व परीक्षा नोडल अधिकारी रेणुका रात्रे ने छात्रों से विस्तृत चर्चा कर ज्ञापन लिया।

मामले में शुरू हुआ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

घटना पर विधायक प्रतिनिधि व कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन ने सरकार को घेरते हुए कहा, “भाजपा सरकार ने पहले बेरोजगार युवाओं से परीक्षा शुल्क वसूला और अब उन्हें ड्रेस कोड जैसे बहाने बनाकर परीक्षा से वंचित कर रही है। हमारी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में व्यापम परीक्षाएं निःशुल्क कर दी गई थीं। भाजपा की साय सरकार में यह घटना सरासर अन्याय और बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ का प्रतीक है।”

छात्रों ने की परीक्षा रद्द करने की मांग

वंचित अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण की कमी है। “हमने पूरी मेहनत से तैयारी की थी। अगर ड्रेस कोड को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश होते या समय पर जानकारी दी जाती तो ऐसी नौबत नहीं आती।

क्या कहता है नियम, और किसकी जिम्मेदारी?

इस पूरे घटनाक्रम ने व्यापम और प्रशासनिक तैयारी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थियों की मानें तो ड्रेस कोड की जानकारी एडमिट कार्ड या वेबसाइट पर स्पष्ट नहीं थी। ऐसे में किसी की ड्रेस के आधार पर परीक्षा से वंचित करना न केवल अमानवीय बल्कि कानूनी रूप से भी सवालों के घेरे में आता है। बहरहाल अब आगे क्या होगा? यह बड़ा सवाल है। प्रशासन द्वारा ज्ञापन लेने के बाद छात्रों को आश्वासन तो दिया गया है लेकिन अंतिम निर्णय अभी लंबित है। फिलहाल वंचित अभ्यर्थी परीक्षा के पुनर्निरीक्षण या दोबारा आयोजन की मांग पर अड़े हुए हैं।

Satyamev News

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