
आदतन अपराधियों ने वार्ड में मचाया हंगामा, गंभीर रूप से घायल युवक रेफर
पुलिस की मेहनत पर प्रशासनिक उदासीनता- जमानत पाते ही अपराधियों ने दिखाई गुंडई
नायब तहसीलदार के जमानत आदेश पर उठ रहे सवाल
वार्ड में बना गाली-गलौज, मारपीट और दहशत का माहौल
खैरागढ़ में आदतन अपराधियों के पक्ष में प्रशासनिक लापरवाही उजागर
रिहा होते ही अपराधियों ने नया बस स्टैंड इलाके में फैलाया आतंक
सवालों के घेरे में जमानत व्यवस्था- छुटते ही फिर हिंसा पर उतरे आदतन आरोपी
सत्यमेव न्यूज़ के लिए अनुराग शाँति तुरे की रिपोर्ट खैरागढ़। नया बस स्टैंड क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 में शनिवार रात उस वक्त हड़कंप मच गया जब जमानत पर छूटे तीन आदतन अपराधियों ने इलाके में पहुंचकर खुलेआम उत्पात मचाया। सूत्रों के अनुसार दीपावली से पहले खैरागढ़ पुलिस ने शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए कई आपराधिक प्रवृत्ति वाले युवकों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध आपराधिक इतिहास सहित धारा 151 के तहत विस्तृत रिपोर्ट तहसील न्यायालय में प्रस्तुत की थी। बताया जा रहा है कि इसके बावजूद यहां पदस्थ नायब तहसीलदार भूपेंद्र कुमार ने आरोपी दादू मानिकपुरी (नया बस स्टैंड), कृष्णा उर्फ गोलू (धरमपुरा) और अमन (बरेठपार) को जमानत पर रिहा कर दिया। स्थानीय नागरिकों सहित पुलिस के विश्वत का कहना है कि पुलिस द्वारा स्पष्ट रूप से आपराधिक पृष्ठभूमि बताए जाने के बाद भी जमानत दिया जाना गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का परिचायक बन गया है।
आरोपियों ने रिहाई के घंटे भर में ही शुरू कर दिया उत्पात
जमानत मिलते ही आरोपी सीधे बस स्टैंड क्षेत्र में पहुंचे और वार्ड नंबर 18 में गाली-गलौज, धमकी और तोड़फोड़ करते हुए लोगों में दहशत फैलाने लगे। स्थिति तब बिगड़ गई जब दो पक्ष आमने-सामने आ गए। झड़प में एक युवक के सिर में गंभीर चोट आई और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पुलिस सतर्कता से टल गई खैरागढ़ में बड़ी वारदात
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीनों आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 126 और 135 के तहत अपराध दर्ज कर नये सिरे से कार्रवाई शुरू कर दी है। नागरिकों ने पुलिस की कार्यशैली की सराहना करते हुए न्यायालयीन स्तर पर लिए गए जमानत निर्णय पर कड़ा विरोध जताया है।
स्थानीय लोगों में नाराज़गी- कहा “ऐसे फैसले अपराधियों का हौसला बढ़ाते हैं”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “पुलिस अपराध रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन तहसील स्तर पर लापरवाही से पूरा शहर खतरे में पड़ रहा है।” लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में जमानत देने से पहले पुलिस की रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जाए और अपराधियों को कड़ी निगरानी में रखा जाए।