खैरागढ़ प्रवास के दौरान आचार्यश्री ने कहा गौ सेवा सौभाग्यकारी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. अपनी अहिंसा यात्रा में विहार कर रहे आचार्य श्रीविद्या सागर जी महाराज का संगीत नगरी खैरागढ़ में शुभागमन हुआ. इस दौरान मुनिवर देश भर में अपने श्रेयस्कर कार्यों के लिए प्रसिद्ध मनोहर गौशाला पहुंचे और यहाँ पहुंचते ही आचार्य वर ने सर्वप्रथम साक्षात कामधेनु माता सौम्या से भेंट की. आचार्य श्रीविद्यासागर और माता कामधेनु का मिलाप अत्यंत सुखद रहा, उन्होंने कामधेनु सौम्या को नमोकर सुनाया, नमोकर मंत्र सुनकर सौम्या अत्यंत प्रसन्न हुई और इस दौरान गौशाला के मेनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन पदम डाकलिया ने आचार्यश्री को कामधेनु माता के सभी दुर्लभ लक्षणों के बारे में जानकारी दी. आचार्यश्री ने कामधेनु माता को बहुत दुर्लभ बताया और कहा कि यह अमृत प्रदान करने वाली गौ माता है. ज्ञात हो कि कामधेनु सौम्या का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.
आचार्य श्री ने नेत्रहीन गौवंश के किए दर्शन
इस दौरान आचार्य श्री विद्यासागर जी ने मनोहर गौशाला में नेत्र विहीन गौवंश का भी दर्शन किया. नेत्रहीन गौ माता की सेवा को देखकर उन्होंने प्रसन्न होकर कहा कि यह अद्भुत सेवा प्रशंसनीय है. उन्होंने ट्रस्ट के सभी सदस्यों की सराहना करते हुए गौशाला प्रबंधन की अनुमोदना की वहीं गौशाला में साफ सफाई देखकर बोले इस प्रकार की सेवा मन को भाव विभोर कर देती है. गौशाला में बन रहे गौ-मूत्र से निर्मित फसल अमृत की सराहना करते हुये आचार्य वर ने कहा कि गौ-मूत्र सबसे उत्कृष्ट तरल पदार्थ है जिसका उपयोग धरती व मानव स्वास्थ दोनो को बैलेंस करता है. यह आत्म निर्भर गौशाला के लिये एक अच्छा व बेहतर विकल्प है. इस दौरान जैन समाज के धर्मप्रेमी व गणमान्य नागरिक मौजूद थे. गौशाला से प्रस्थान पूर्व आचार्य वर ने उपस्थित जनों को मंगल वाणी सुना कर आशीर्वाद दिया.