आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओ ने लंबित मांगें पूरी करने पीएम व सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
कलेक्टर को ज्ञापन सौंप अपनी मांगे बताई
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने अपनी लंबित मांगों को पूरी करने प्रधानमंत्री व प्रदेशी के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में दिनचर्या की व्यवहारिक समस्या हो रही है। मेहनतकश महिला कर्मियों को जो मूलभूत सुविधा और लाभ केन्द्र व राज्य सरकार से मिलनी चाहिये वह नहीं मिल पा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाआंे की मांग है कि पंचायती राज के अधीन छत्तीसगढ़ राज्य में पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेवियों को सरकार नीति बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत हैं लेकिन वें आज भी मानसेवी हैं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं को नियमित करते हुए शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे। शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21 हजार और सहायिका को 16 हजार 800 जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जावे साथ ही वर्तमान में कार्यकर्ताओं को प्राप्त मानदेय 10 हजार का 80 प्रतिशत राशि सहायिकाओं के लिए स्वीकृत किया जावे। 35-40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन करने ना तो कोई पेंशन मिल रहा है। कार्यकर्ता को 10 हजार और सहायिका को 8 हजार मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन यापन के लिए कार्यकर्ता को 5 लाख और सहायिका को 4 लाख रुपये एकमुश्त ग्रेजुवेटि राशि प्रदान किया जाये। भविष्य की सुरक्षा के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समूह बीमा योजना में जोड़ा जावे जिसके लिये नीति निर्धारण किया जाये। कार्यकर्ता-सहायिका की आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाये। मानदेय को महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाय और महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जाय। वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं को पदोन्नति के पद रिक्त होने के बाद भी 50 प्रतिशत का प्रतिबंध होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त किया जाय और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्ठता क्रम में बिना परीक्षा के सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पद पर लिया जाये। इसी तरह सहायिकाओं को भी 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होने पर शत प्रतिशत वरिष्ठता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति किया जाये। सभी केंद्रों में गैस सिलेंडर और चूल्हा प्रदान किया जावे और इसकी नियमित रिफिलिंग की व्यवस्था सुगम बनाई जाये तथा विभाग में एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय से पदस्थ सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से अन्यत्र किया जाये।