असमय बारिश व ओलावृष्टि से जिले की रबी फसल को 15 फीसदी और उद्यानिकी फसलों को 60 फीसदी नुकसान

जिले में ओलावृष्टि व बारिश के बाद फसलों के नुकसान का आंकलन करने जुटा प्रशासन

चने की कटी और गेंहू की खड़ी फसल को हुई हैं क्षति, मसूर और तिवरा को भी हुआ नुकसान
जिले में केला, पपीता, खरबूज व खीरा की फसल भी चौपट
बेमौसम बारिश से टमाटर, लौकी व हरी मिर्च की फसल भी हुई तबाह
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. असमय बारिश हुआ ओलावृष्टि से जिले की विविध फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. नुकसान के अंदेशे के बीच जिला प्रशासन फसलों के नुकसान का आंकलन करने जुट गया है. बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि होने से जिले की रबी फसलों को करीब 15 फ़ीसदी तो आधुनिक कृषि की ओर रुख कर उद्यानिकी फसल लेने वाले किसानों को भारी नुकसान का अंदेशा बताया जा रहा है. मौसम परिवर्तन के कारण बीते तीन-चार दिनों में उद्यानिकी फसलों को लगभग 60 फ़ीसदी नुकसान हुआ हैं. जानकारी हो कि जिले में चने की कटी फसल जो खेतों में रखी हुई थी और खेतों में गेहूं की खड़ी फसल को क्षति पहुंची है वहीं दूसरी ओर मसूर और तीवरा की भी फसल को आंशिक नुकसान हुआ है. चने व गेहूं की फसल को 15 फ़ीसदी तक वहीं मसूर की फसल को 5 से 10 फीसदी तथा तीवरा की फसल को आंशिक रूप से लगभग 5 फीसदी तक नुकसान बताया जा रहा है. सबसे अधिक नुकसान जिले की उद्यानिकी फसलों को हुआ है जिसमें केला, पपीता, खरबूज, लौकी, खीरा, टमाटर और हरी मिर्च की फसल बर्बाद हुई है.
छुईखदान ब्लॉक में उद्यानिकी फसलों को अधिक नुकसान का अंदेशा

जिले में उद्यानिकी फसलों के नुकसान को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक खैरागढ़ व छुईखदान ब्लॉक के अलग-अलग गांव से नुकसान की जानकारी मिल रही है. सबसे अधिक छुईखदान ब्लॉक के गांव में नुकसान हुआ है. इलाके के जंगलपुर, पंडरिया, ओटेबन, मानिकचौरी जंगलपुर सहित सड़क अतरिया क्षेत्र के गांव में भारी नुकसान बताया जा रहा है वहीं खैरागढ़ ब्लॉक के जालबांधा, मड़ौदा, चिंगली, पवनतरा, सिंघोरी व मदनपुर सहित बाजार अतरिया क्षेत्र के गांव में नुकसान की खबर आ रही है. विभाग के मुताबिक ओलावृष्टि का जो क्षेत्र पिछले दो-तीन दिनों से विकसित हुआ है उसमें साजा विधानसभा से लेकर जिले के सड़क अतरिया से होते हुए बाजार अतरिया तक फसलों को नुकसान हुआ है. जिले के लगभग 50 गांव प्रभावित हुए हैं वहीं फसलों के नुकसान को लेकर लगभग 350 से अधिक किसानों ने हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी प्रशासन को दी है.
जिला निर्माण के बाद उद्यानिकी का रकबा बढ़ा इसलिए अधिक नुकसान
पाठकों को बता दें कि जिला निर्माण के बाद उद्यानिकी फसलों का रकबा बड़ी तेजी से बढ़ा है. वर्तमान में लगभग 300 हेक्टेयर में उद्यानिकी की फसल ली जा रही है जिसमें 234 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है. जिले में खरबूज 45 हेक्टेयर, केला 40 हेक्टेयर, पपीता 42 हेक्टेयर, लौकी 38 हेक्टेयर, खीरा 10 हेक्टेयर, टमाटर 38 हेक्टेयर व हरी मिर्च 15 हेक्टेयर में लगाई गई हैं. ओलावृष्टि के बाद पपीता की फसल को नुकसान कम हुआ है लेकिन फसल में स्पॉट आ गए हैं. दूसरी ओर लौकी व खीरा की फसल के लिए लगाए गए मंडप पूरी तरह तबाह हो गए हैं. ठीक खदान में टमाटर की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है.
बाजार अतरिया क्षेत्र में खेतों में भरा पानी

2 दिन पहले तेज बारिश हुआ ओलावृष्टि के कारण खैरागढ़ ब्लॉक के बाजार अतरिया क्षेत्र में खड़ी फसल के बीच खेतों में पानी भर गया है. इस घटना के बाद क्षेत्र के किसान बहुत चिंतित हो गए हैं और शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. कृषक गेंदा पाल ने बताया कि बाजार अतरिया इलाके में रबी की खड़ी फसल जो कटाई के लिये तैयार थी पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
छुईखदान क्षेत्र के पीड़ित किसानों ने की मुआवजों की मांग
जिले में दो दिन से रूक-रूक कर बारिश और ओलावृष्टि होने से किसानों की फसल को भारी नुकसान के बाद छुईखदान ब्लाॅक के जगमड़वा के ग्रामवसियों ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर मुआवजा की मांग की हैं. ज्ञापन देने आये ग्रामीणों में टीकमराम साहू, शिवप्रसाद, तुलाराम, खेमलाल साहू, प्यारेलाल, लीला सहित ग्रामीण उपस्थित थे.
फोन पर दे सकते हैं फसल नुकसान की जानकारी कृषि विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
पिछले 02 दिनों से असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. 17, 18 और 19 मार्च को हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं व चना सहित रबी फसलों को भारी क्षति पहुंची है. कृषि विभाग के उप संचालक राजकुमार सोलंकी ने बताया कि जिला प्रशासन के अनुसार, जिले के गंडई और खैरागढ़ तहसील में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. इन क्षेत्रों में 4.7 मिमी और 0.5 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने का प्रावधान है. योजना के तहत, यदि अधिसूचित इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में फसलों का नुकसान होता है, तो सभी बीमित किसानों को क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा. यदि नुकसान 25 प्रतिशत से कम है, तो क्षति का आकलन करके किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी. किसानों को अपनी फसल में हुए नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर 1800-419-0344 पर या 14447 पर कॉल करके या लिखित रूप से स्थानीय राजस्व या कृषि अधिकारियों या संबंधित बैंक से देनी होगी.
ओलावृष्टि वह बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है, लगभग 50 गांव के 350 से अधिक किसानों से फसल नुकसान की सूचना मिली हैं. विभाग फसल नुकसान की जानकारी तैयार कर रहा है.
राजकुमार सोलंकी, उपसंचालक कृषि
तेज अंधड़, बारिश और ओलावृष्टि के कारण उद्यानिकी फसलों को नुकसान हुआ है. छुईखदान इलाके के साथ जालबाँधा क्षेत्र में फसल खराब होने की जानकारी मिली है. विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है.
रविंद्र मेहरा, सहायक संचालक उद्यानिकी