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अचानक आयी बाढ़ के कारण खैरागढ़ के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों एकड़ की फसल तबाह

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. अचानक हुई तेज बारिश के कारण मंगलवार की सुबह आयी भीषण बाढ़ ने खैरागढ़ के ग्रामीण इलाकों में फसलों को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक खैरागढ़ के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों एकड़ की खड़ी फसल बाढ़ के प्रभाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। ज्ञात हो कि आमनेर नदी के किनारे बसे ग्राम बफरा, मड़ौदा, शेरगढ़, घुमर्रा, पेटी व बिड़ौरी सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसानों की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है। इस बीच क्षेत्र के किसानों ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनके गांवों में अचानक भीषण बाढ़ आयी है। आरोप के मुताबिक प्रशासन ने किसानों को बिना किसी जानकारी व मुनादी के रानी रश्मि देवी जलाशय (छिंदारी बांध) का पानी छोड़ दिया, इसी कारण आमनेर नदी का जल स्तर बहुत तेजी से बढ़ गया और नदी किनारे बसे गांव और गांव में बोयी गई फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। आरोप है कि जल संसाधन विभाग की उदासीनता और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण बाढ़ के हालात निर्मित हुये। किसानों का यह भी आरोप है कि प्रदेश के मौसम विभाग ने लगभग सभी जिलों के लिये एलर्ट जारी किया था लेकिन खैरागढ़ जिला प्रशासन ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया वहीं जब इलाके में किसानों को पानी की जरूरत थी तब बांध का पानी नहीं छोड़ा गया और जब बारिश हुई तब छिंदारी बांध का पानी छोड़ा गया। बाढ़ के कारण गांव के कई मकानों में भी पानी घुस गया और नुकसान हुआ हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले भी इलाके में सन् 1962, 64, 94, 2005 और 2008 में बाढ़ ने दस्तक दी है लेकिन मंगलवार 10 सितंबर की बाढ़ के कारण सबसे अधिक तबाही इलाके में हुई है। बताया जा रहा है कि सबसे अधिक ग्राम बफरा और मड़ौदा में फसलों को नुकसान पहुंचा है। बफरा में कुल 450 हे. कृषि भूमि है जहां लगभग 11 सौ एकड़ फसल और मड़ौदा में लगभग 500 हे. कृषि भूमि है जहां लगभग 12 सौ एकड़ में व्यवस्थित खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी तर्ज पर ग्राम शेरगढ़, घुमर्रा, पेटी, बिड़ौरी सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसानों की खड़ी फसल बाढ़ के प्रकोप के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। फसलों के भारी नुकसान के बाद किसान अब शासन-प्रशासन से वाजिब मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

छिंदारी बांध से पानी छोड़ने के कारण अचानक आमनेर नदी में बाढ़ आयी है जिसके कारण बफरा सहित आसपास के गांवों की सैकड़ों एकड़ जमीन में बोयी गई फसल बुरी तरह बर्बाद हो गई है। शासन-प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ेगा।

यादराम साहू, कृषक बफरा

बाढ़ के कारण इलाके के सैकड़ों ग्रामीणों की हजारों एकड़ जमीन में बोयी गई फसल खराब हो गई है। प्रशासन शीघ्र सर्वे करा शासन से क्षतिपूर्ति राशि दिलाये।

शिवकुमार वर्मा, कृषक शेरगढ़

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