खैरागढ़ के कांग्रेसियों ने लोधी समाज से ही प्रत्याशी नहीं बनाये जाने को लेकर अब रायपुर तक लगाई दौड़
बीते 15 साल से 4 विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने लोधी समाज से ही बनाया हैं प्रत्याशी
अब खैरागढ़ के कद्दावर कांग्रेसी ही कर रहे समाज विशेष से टिकट नहीं देने की मांग
विरोध कर रहे कांग्रेसियों को 3 दिन पहले पार्टी फोरम ने ऐसा नहीं करने दी थी हिदायत
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ऐन विधानसभा चुनाव से पहले केसीजी कांग्रेस में फिर एक बार पार्टी का अंर्तकलह और विरोध उजागर हुआ हैं. जिले के कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर की दौड़ लगाई हैं और फिर वहीं राग अलापा हैं कि किसी वर्ग विशेष से ही कांग्रेस पार्टी लगातार टिकट न दे, पूर्व जनपद अध्यक्ष छुईखदान भुनेश्वर साहू, पूर्व मंडी अध्यक्ष गंडई लाल तारकेश्वर शाह खुसरो, जनपद अध्यक्ष छुईखदान नीना विनोद ताम्रकार, विधायक प्रतिनिधि कपिनाथ महोबिया, गंडई मंडी अध्यक्ष संजू चंदेल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य हेमंत शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण- महंत राधामोहन दास वैष्णव, लाल रोहित पुलस्थ, अय्यूब कुरैशी, किशन रजक व सुरेन्द सिंह खैरागढ़ विधानसभा के प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुखमंत्री टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय सहित प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिलकर अपनी बात रखते हुये विरोध किया हैं और लिखित में ज्ञापन आवेदन पत्र भी सौपा हैं. इससे पहले कांग्रेसियों ने छुईखदान जनपद पंचायत के सभागार में प्रेसवार्ता लेकर भी अपना विरोध उजागर किया था जिसके दो दिन बाद भरोसा यात्रा में पहुंचे लोकसभा प्रभारी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शाहिद भाई ने पत्रकारों से कहा था कि अब इस तरह विरोध की पुर्नरावृत्ति नहीं होगी सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों को समझा लिया गया हैं, पर इसके तीन दिन बाद ही विस चुनाव में टिकट की दौड़ लगा रहे खैरागढ़ के कांग्रेसी राजधानी रायपुर पहुंच गये और सीएम, विस अध्यक्ष, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं को आवेदन देकर लोधी समाज से ही प्रत्याशी नहीं बनाये जाने अपना विरोध जारी रखा हैं.
जानिये क्या लिखा हैं लोधी समाज के विरोध में दिये गये आवेदन पत्र में
खैरागढ़ विधानसभा के क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं ने आवेदन पत्र में लिखा है कि सन् 2008 सन् 2022 तक विगत चार चुनावों में एक ही समाज से प्रत्याशी प्रत्याशी बनाया जा रहा है. जहां दोनो राष्ट्रीय दल एक ही समाज को प्रत्याशी बनाया जाता रहा है, तो एक जीतता है एक हारता है. परन्तु इन्हें अन्य समाज के साथ सामना करना पड़ता है, तो अन्य समाज से पराजित होते है. जैसे की 2018 के चुनाव में दोनो राष्ट्रीय पार्टी के द्वारा एक ही समाज के व्यक्तियों को प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें अन्य वर्ग से स्व.देवव्रत सिंह चुनाव जीते थे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर आ गई थी, साथ ही 2022 के चुनाव में एक ही समाज से दोनों दल प्रत्याशी बनाये जहां इस समाज के बहुलता वाले ग्रामों में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. गौरतलब है इस समाज के मतदाता भाजपा को वोट दिए थे. वर्तमान में 2023 के आमचुनाव चुनाव में भाजपा द्वारा सामान्य वर्ग से प्रत्याशी बनाया गया है जबकि क्षेत्र की जनता एक ही समाज के व्यक्ति को प्रत्याशी बनाये जाने से उब (निराश) हो चुकी है एवं उन लोगों का झुकाव अन्य समाज के प्रत्याशी के प्रति दिख रहा है. उक्त आवेदन में विरोध में पहुंचे कांग्रेसियों ने कहा हैं कि कांग्रेस के अन्य कर्मठ कार्यकत्र्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा भी इस चुनाव में अन्य समाज से प्रत्याशी बनाये जाने की मांग की जा रही है. साथ ही कांग्रेस पार्टी के अन्य समाज के कार्यकर्ता नया युवा चेहरा को कांग्रेस पार्टी से अभ्यर्थी बनना चाहते है वे भी एक मतेन अन्य समाज से प्रत्याशी बनाये जाने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद आवेदन में लिखा गया हैं कि पार्टी में मांग करने का सबको पूरा अधिकार है, आगे पार्टी जो निर्णय लेगी सबको मंजूर रहेगा,