अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस पर खजरी के नवयुवकों ने बुजुर्गों के सम्मान का लिया संकल्प
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. अध्यक्ष विनय कुमार कश्यप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशन व अध्यक्ष चन्द्रकुमार कश्यप तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ एवं सचिव देवाशीष ठाकुर के मार्गदर्शन में शनिवार 1 अक्टूबर को ग्राम खजरी में अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया गया जहां गांव के नवयुवकों ने बुगुर्जों के सम्मान का संकल्प लिया. सर्वप्रथम पैरालीगल वालेंटियर गोलूदास ने गुलाल लगाकर बुजुर्गों का सम्मान किया और कहा कि मानवीय शरीर की क्षीण काया भी परिवार की मजबूत नींव के रूप में स्थान रखती है. जिस प्रकार एक पुरानी एवं मजबूत नींव मकान की विशालता का सबूत देती है. ठीक उसी तरह परिवार के वृद्धजन उस परिवार की संगठन शक्ति का उदाहरण होते है.
जिन परिवारों में बुजुर्गों का आशीर्वाद बना रहता है, उन परिवारों की संपन्नता और सुख शांति अनुशासन की कहानी कहती दिखाई पड़ती है. परिवार के बुजुर्गों को बोझ मानने वाले अपने जीवन का रसास्वादन सही रूप में नहीं कर पाते है. बुजुर्गों का अनुभव और उनकी संघर्ष यात्रा ही वह ताकत है, जिसके बल पर एक परिवार बुलंदी पर पहुंच सकता है. वृद्धावस्था के प्रति उपेक्षा, अवमानना एवं घृणा का भाव पाश्विक सभ्यता का ही परिचायक हो सकता है. यह बात हमेशा ध्यान में रखनी होगी कि परिवार के वृद्धजन अनदेखी की श्रेणी में नहीं आते है बल्कि वे अनुभव की भ_ी में तपकर सही मार्ग दिखाने वाले सच्चे और प्रेरक वर्ग से संबंध रखते है. उन्होंने युवा पीढ़ी से बुजुर्गों को सम्मान करने का आह्वान किया जिससे प्रेरित हो नवयुवकों ने बुजुर्गों के सम्मान का संकल्प लिया.
श्री साहू ने कहा कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के संबंध में वृद्ध व्यक्तियों की देखरेख और सुरक्षा के उद्देश्य से माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है. कोई भी वरिष्ठ नागरिक जिसकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, इसमें वे माता-पिता भी आते हैं जो खुद कमाने में असमर्थ हैं, वे अपने बालिग बेटा, बेटी, पौत्र, पौत्री से भरण-पोषण खर्च पाने की पात्रता रखते हैं. इस अवसर पर सरपंच जेठू मारकंडे, गैंदलाल बंजारे, कोटवार शकुन वर्मा व मितानिन सहित ग्रामवासी उपस्थित थे.