अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनी दीवाली
सूर्य ग्रहण के चलते तीसरे दिन हुई गोवर्धन पूजा
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नगर सहित अंचल के ग्रामीण इलाकों में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ उत्साहपूर्वक मनाया गया. धनतेरस से प्रारंभ दीपावली के त्यौहार में इस वर्ष बारिश के बाद भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. इस बीच रूपचौदस से लेकर लक्ष्मी पूजा का त्यौहार परम्परानुसार धूमधाम से मनाया गया. सोमवार को लक्ष्मीपूजन के अवसर पर अंचल में लोगों ने शुभ मुहुर्त देखकर अपने दुकान, मकान, प्रतिष्ठान, खेत-खलिहान, रूपये पैसे व सोने चांदी आदि की विधिवत पूजा अर्चना की. दीप पर्व को लेकर सर्वाधिक उत्साह बच् चों के बीच दिखाई दिया. लोगों ने इस बीच अपनी खुशी का इजहार किया और जमकर आतिशबाजी की साथ ही एक दूसरे का मुंह मीठा कर दीप पर्व की शुभकामनाएं दी. महालक्ष्मी पूजन को लेकर सोमवार को खासतौर में घर-घर में आकर्षक रंगोली बनाई गई साथ ही शाम ढलते ही लोगों ने अपने घरो में दिये जलाकर रोशनी से सराबोर भी किया. परम्परानुसार सुख-समृद्धिदायनी मां लक्ष्मी की पूजा की गई और मिट्टी के दीपक जलाए गये. ग्रामीण अंचल में माता लक्ष्मी की मनोहारी प्रतिमाएं स्थापित कर परंपरानुसार पूजा अर्चना भी की गई.
सूर्य ग्रहण के चलते लक्ष्मीपूजा के तीसरे दिन हुई गोवर्धन पूजा
ज्ञात हो कि इस बार दीपावली पर्व में सूर्य ग्रहण ने खलल डाला, लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण होने के चलते तीसरे दिन बुधवार को ग्रामीण अंचल में धूमधाम से गोवर्धन की पूजा-अर्चना की गर्ई. लोगों ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौधन की विधिवत पूजा अर्चना की और उन्हें भोग लगाया साथ ही क्षेत्र में लोगों ने परम्परानुसार गौरी-गौरा पूजन कर सुआ गीत के साथ उन्हें विदाई दी. इसी दिन खासतौर पर ठेठवार समाज के लोगों ने मातर पर्व मनाया. गढ़वा बाजा के साथ समाज के सदस्यों ने लोगों ने घर-घर पहुंचकर विभिन्न धार्मिक व पारंपरिक दोहे गाये.
बाजार भी रहा गुलजार
कोरोना के लंबे अंतराल के बाद इस वर्ष दीप उत्सव के अवसर पर बाजार भी गुलजार रहा. खासतौर पर कपड़े, जूते-चप्पल, आभूषण, पटाखे और मिठाईयों की जोरदार बिक्री हुई. सोमवार से बुधवार तक लोगों ने जमकर आतिशबाजी की जिससे आकाश में रंगीन छटाएं बिखरती रही. आतिशबाजी को लेकर लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता देखने को मिली. अधिकांशत: कम प्रदूषण फैलाने वाले फटाखों की खरीददारी को लेकर एक वर्ग जागरूक नजर आया. ध्वनि प्रदूषण से बचने जागरूक लोगों ने लो साऊंड के फटाखो को ज् यादा तरजीह दी. इस बीच पूरे तीन दिनों तक नगर में मिठाईयों की जबरदस्त बिक्री हुई. रविवार की देर रात तक मिठाई दुकानों में लोगों का तांता लगा रहा. दीप पर्व में खासतौर पर दूध व छेने से बनी मिठाईयों की डिमांड अधिक रही.
गांव-गांव में बिकती रही अवैध शराब
दूसरी ओर दीपावली त्यौहार पर अंचल के गांव-गांव में अवैध शराब की जमकर बिक्री हुई. सरकार शराब दुकान में शराबप्रेमियों का दिनभर तांता लगा रहा वहीं पुलिस तथा आबकारी विभाग के मौन साधे रहने से गांव-गांव में सक्रिय शराब कोचिये भी जमकर अवैध शराब की बिक्री की. अंग्रेजी व देशी दोनों दुकानों में शराब कर्मचारियों और उनके नुमाइंदों के इशारे पर तय दर से कहीं अधिक दाम पर शराब बेची गई. दीपावली पर्व से पहले शराब कोचिये सक्रिय नजर आये और त्यौहार निकलते तक रोजाना अवैध शराब की बिक्री होती रही. यह पहला साल है जब जिला निर्माण के बाद भी अवैध शराब की रोकथाम के लिये पुलिस और आबकारी विभाग निष्क्रिय नजर आयी और शराब बिक्री को लेकर एक तरह से प्रशासन ने खुली छुट दे रखी थी, नतीजतन गांव-गांव में जमकर शराब की बिक्री हुई.