फायर ब्रिगेड की गुणवत्ता पर भाजपा पार्षदों ने उठाया सवाल, जांच के लिये ओएसडी को सौंपा ज्ञापन

कहा डेंटिंग-पेंटिंग कर नये वाहन के समतुल्य राशि का हुआ भुगतान
राशि भुगतान की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की रखी मांग
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नगर पालिका द्वारा डीएमएफ मद से खरीदी गई फायर ब्रिगेड वाहन की गुणवत्ता तथा भुगतान की गई राशि पर सवाल उठाते हुये भाजपा पार्षदों ने ओएसडी डॉ. जगदीश सोनकर को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्यवाही की मांग की है. पार्षद विनय देवांगन, अजय जैन, रेखा विकेश गुप्ता, देविन कमलेश कोठले, गिरजा नंद चंद्राकर, मोनिका रजक, त्रिवेणी राजेश देवांगन, रूपेन्द्र रजक, चंद्रशेखर यादव व पुष्पा सिंदूर ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि नगर पालिका सीएमओ को जिला खनिज संस्थान न्यास मद से प्रशासकीय स्वीकृति 35 लाख रूपये फायर बिग्रेड वाहन क्रय करने 7 नवंबर 2019 को प्रदान की गई थी.
उक्त मद से फायर ब्रिगेड वाहन क्रय करने निविदा आमंत्रित की गई थी लेकिन निविदाकार से निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा आपसी सांठगांठ कर नये फायर ब्रिगेड की खरीदी न कर पुराने वाले को डेंटिंग-पेंटिंग कराकर नये फायर ब्रिगेड के समतुल्य राशि का भुगतान सीएमओ द्वारा किया गया है. राशि भुगतान के पूर्व क्रय वाहन सहित उपकरणों की गुणवत्ता व निर्धारित मानक इकाईयां की भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है. फायर ब्रिगेड की खरीदी पश्चात इसका उपयोग केवल तीन-चार बाद ही यिका गया है जिसके बाद 18 माह पहले दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुये वाहन को सुधार कार्य के लिये वर्कशॉप में रखा गया है.
वर्तमान में निकाय के क्षेत्र अंतर्गत एक भी फायर ब्रिगेड नहीं होने से नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में भविष्य में जन-धन की हानि होने की संभावना भी बनी हुई है. भाजपा पार्षदों ने समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को लेकर बताया कि फायर ब्रिगेड वाहन के मरम्मत में व्यय होने वाली राशि अधिक होने के कारण बीमा कंपनी द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है. खबर में सीएमओ का कथन है कि वाहन मरम्मत की जवाबदारी बीमा कंपनी की है, उनके अधिकारियों से चर्चा पश्चात पत्र लिखा गया है. मरम्मत संबंधी कार्य पूरा कराने प्रयास जारी है.
पार्षदों ने कहा कि इस कथन से स्पष्ट है कि सीएमओ के कथन एवं बीमा कम्पनी से प्राप्त जानकारी में विरोधाभास है. अगस्त 2020 में खरीदी गई फायर ब्रिगेड वाहन दिसंबर 2020 में दुर्घटनाग्रस्त हुई थी जो लगभग 18 माह बीत जाने के बाद भी अब तक नहीं बन पायी है. आम नागरिकों को वाहन सुविधा उपलब्ध कराने नगर पालिका द्वारा क्या कार्यवाही की गई है यह स्थिति भी स्पष्ट करना चाहिये तथा कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा यह भी सार्वजनिक रूप से स्पष्ट किया जाना चाहिये. पार्षदों ने ओएसडी से मांग की है कि प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखकर फायर ब्रिगेड खरीदी की जांच कराकर दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाये तथा क्षेत्रवासियों को फायर ब्रिगेड की सुविधा दिलाने सार्थक प्रयास की जाये.