सिद्धपीठ में शुरू हुआ संगीतमय व्याख्यान

पहले दिन मारूटोला मानस परिवार ने दी प्रस्तुति
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. श्रावण पर्व आरंभ के साथ ही श्री रुक्खड़ स्वामी मंदिर में मानस का संगीतमय व्याख्यान शुरू हो चुका है. माह भर चलने वाले व्याख्यान माला में श्रीराम व शिव कथा प्रसंग सांगीतिक रूप से प्रस्तुत किया जायेगा. तुलसी मानस प्रतिष्ठान के संयोजन में आयोजित हो रहे रामचरितमानस के व्याख्यान के पहले दिन मारुटोला के मानस परिवार ने अपनी प्रस्तुति दी. व्याख्याकार किशोर शांडिल्य ने कहा मानस को मात्र कथा के रूप में नहीं देखना चाहिये, यह जीवन चरित्र है. यदि भगवान श्रीराम को आप ईश्वर में स्वीकार करने में असमर्थ हैं और यदि उनके चरित्र को ही अपने जीवन में ढाल लें तो जीवन की नैया पार हो जानी हैं. मानस के व्याख्यान का आयोजन प्रतिदिन पूर्वजों की स्मृति व स्नेहीजनों की मंगल कामना में आयोजित किया जा रहा है जिसमें प्रथम दिवस की कथा स्व.लाल शरण की स्मृति में आयोजित की गई.
कथा में शांडिल्य ने कहा कि श्रावण में मानस की कथा और उसके श्रवण का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र हैं, राम शिव के आराध्य हैं और शिव राम के आराध्य और जो स्वयं परमपिता का आराध्य हो उसकी कथा उसके सिद्ध स्थल पर हो तो उसका महत्व बढ़ जाता है. संगीत में स्वर टिकेंद्र डेहरिया की रही तथा वाद्ययंत्रों से संगत देने सोमकुमार वर्मा, दानसिंह वर्मा, देव सिंह वर्मा, चिंताराम चंद्रवंशी, सुखेंद्र पटेल, भूपेंद्र वर्मा, रेवाराम वर्मा मौजूद रहे. इस दौरान विजय सिंह राजपूत सहित अन्य मौजूद रहे. व्याख्यान का आरंभ प्रजापिता ब्रह्माकुमारी से बहन चंद्रकली ने किया. व्याख्यान कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर अतिथि के रूप में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक केंद्र की प्रमुख चंद्रकली, जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू व शिक्षाविद डॉ.साधना अग्रवाल मौजूद रही. मानस मंडलियों को पूर्व जनपद अध्यक्ष ठाकुर कमल सिंह, ट्रस्ट के अध्यक्ष रामकुमार सिंह, सचिव अनुज गुप्ता, विजय प्रताप सिंह, शिवम नामदेव, उत्तम दशरिया, पं.धर्मेंद्र दुबे, गुलशन तिवारी व राजू सिंह ने सम्मानित किया.