संगीत विश्वविद्यालय के छात्रों ने बिलासपुर में किया पंचलाइट नाट्य मंचन
पंचलाइट में बताई गई 60 के दशक की कहानी
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. बिलासपुर के डीपी विप्र महाविद्यालय में बीते दिनों इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग द्वारा साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित कहानी पंचलाइट की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के निर्देशक रहे डॉ.योगेन्द्र चौबे ने बताया कि यह नाट्य 60 के दशक की कहानी है जिसमें बिहार के ग्रामीण परिवेश का मंचन किया गया है। उक्त कहानी में नायक गोधन एवं नायिका मुंजरी की प्रेम कहानी को दर्शाया गया है। साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु ने कहानी में सामाजिक स्थिति का सजीव चित्रण किया है। उक्त कार्यक्रम का नाट्य रूपांतरण रंजीत कपूर, निर्देशन डॉ. योगेन्द्र चौबे व सहनिर्देशन धीरज सोनी ने किया।
कहानी में प्रेम और भोलेपन का है सजीव चित्रण
विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा दी गई पंचलाइट की प्रस्तुति में प्रेम और भोलेपन का सजीव चित्रण देखने को मिलता है। निर्देशक के द्वारा नाटक में नायक गोधन एवं नायिका मुंजरी की प्रेम कहानी दिखा गया। गांव में पहली बार अंधेरा को दूर करने पेट्रोमैक्स एक तरह की गैस बत्ती खरीदकर लायी जाती है परंतु गांव के भोलेभाले लोग उसे जला नहीं पाते हैं। उक्त पेट्रोमैक्स को जलाने गांव का ही लड़का गोधन आता है जिसे गांव वालों ने इस बात से बाहर निकाल दिया था कि वह गांव की लड़की मुंजरी से प्रेम करता था। मगर जब गोधन ने पेट्रोमैक्स को जलाया और इसके जलने से गांव में रौशनी आयी तब गांव वालों ने गोधन को स्वीकार कर लिया। इस तरह गांव में अंधेरा दूर होता है और गांव में रोशनी आती। उक्त कार्यक्रम में डॉ.परमानन्द पांडे, सोमनाथ साहू, हिमांशु कुमार, विक्रम वर्मा, अनुराग पंडा, रोहन जंघेल, विकास गायकवाड़, मानव जायसवाल, उन्नति डे, सोनल बागड़े, दिव्या राई, अंशु बंगारी, हर्ष गिरी भट्ट, अयान रजा, चूमेश्वर साहू ने शानदार प्रस्तुति दी।