निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से ग्रामीण परेशान
पाईप बिछाने खोदे गये गड्ढे से आवागमन में परेशानी
सत्यमेव न्यूज़/जालबांधा. ग्राम पंचायत शेरगढ़ में बीते दो-ढाई साल से जारी नल-जल योजना का काम अब तक अधूरा पड़ा है जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दो सालों में ठेकेदार के द्वारा टंकी निर्माण के साथ ही पाईप लाईन विस्तार तथा घरों के सामने नल लगा दिया गया है लेकिन पाईप बिछाने खोदे गये गड्ढे को अब तक समतल नहीं किया गया है वहीं पानी की भी व्यवस्था नहीं की गई है, ऐसे में ग्रामीण शुद्ध पेयजल की आस में बैठे हुये हैं. गड्ढे समतल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है वहीं दूसरी ओर पेयजल के लिये पाईन लाईन को टंकी से जोड़ा भी नहीं गया है ऐसे में ग्रामीण अब शुद्ध पेयजल का आस भी छोड़ चुके हैं. बता दे कि केन्द्र सरकार की नल-जल योजना के तहत प्रत्येक गांव में पाईप लाईन का विस्तार किया जायेगा जिसके माध्यम से हर घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध किया जायेगा लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही तथा गैरजिम्मेदाराना कार्य से दो साल बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
घर के सामने लगाये नल का भी हो रहा बुरा हाल
बता दे कि योजना के तहत गांव के सभी घरों के सामने नल लगाया गया है जिससे ग्रामीणों को घर पर ही शुद्ध पेयजल मिल सके लेकिन दो साल बाद भी योजना की शुरूआत नहीं होने से अब घरों के सामने लगे नल भी खराब होने लगा है. कहीं नल डैमेज हो रहा है तो कहीं टूट चुका है ऐसे में अगर कार्य पूरा भी कर लिया गया तो एक बार भी घर-घर लगे नल को सुधारने का कार्य किया जायेगा. बता दे कि यही एक गांव नहीं है बल्कि ब्लॉक के सभी गांवों का यही हाल है, कहीं टंकी निर्माण किया गया है तो नल नहीं लगाया गया है, कहीं केवल पाईप लाईन का विस्तार कर निर्माण कार्य अधूरा छोडक़र ठेकेदार फरार हो गया है. ऐसे में केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ ग्रामीणों को कब तक मिल पायेगा यह कह पाना मुश्किल है.
केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा दी जायेगी राशि
बता दे कि योजना को पूरा करने केन्द्र तथा राज्य सरकार दोनों के द्वारा राशि प्रदान की जानी है लेकिन निर्माण कार्य के लिये पर्याप्त राशि नहीं दिये जाने के चलते निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है, ऐेसे में अधूरे निर्माण कार्य से अब ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है. नल-जल योजना का काम पूरा करने केन्द्र व राज् य सरकार के द्वारा 50-50 प्रतिशत राशि प्रदान की जानी है. बताया जा रहा है कि शासन के द्वारा राशि प्रदान नहीं किये जाने के चलते निर्माण कार्य दो-ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है.
पीएचई के जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे बात
मामले को लेकर समस्या के समाधान के लिये पीएचई के जिम्मेदार अधिकारियों से बात नहीं हो पा रही है या यूं कहें कि जिम्मेदार अधिकारी बात नहीं करना चाहते. खैरागढ़ में पदस्थ पीएचई के एसडीओ टीए खान से लगातार उनके दफ्तर में मिलने की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे वहीं दूरभाष पर भी उनसे संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.
जल-जीवन मिशन के अंतर्गत पंचायत स्तर पर चल रहे कार्य में विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है, योजना का काम आधा-अधूरा पड़ा हुआ है जिससे ग्रामीणों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.