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विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवार की बैसाखिन बाई को मिला खुद का मकान

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़ . जीवन की मूलभूत जरूरतों में रोटी, कपड़ा के बाद मकान सबसे महत्वपूर्ण है। हर व्यक्ति के जीवन का सपना होता है कि उसका खुद का पक्का मकान हो। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा योजना के अभिसरण से प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवार के लोगों को उनका खुद का पक्का मकान बनाने का सुनहरा अवसर मिलने के साथ उनके जीवन व रहन-सहन में भी काफी परिवर्तन हो रहा है। ऐसा ही दृश्य केसीजी जिले के विकासखंड छुईखदान के सुदूर वनांचल ग्राम गोलरडीह में देखने को मिल रहा है। ग्राम गोलरडीह के बैगा पारा की निवासी 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला बैसाखीन बाई के पास अब खुद का पक्का आवास है। यह आवास उन्हें उम्र के इस पड़ाव में सुरक्षा व अपनेपन का सुखद अहसास करा रहा है। बैसाखीन बाई अपने नये और पक्के आवास को पाकर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि पहले मेरे पास रहने के लिए एक कमरे की कच्ची झोपड़ी थी। बारिश के समय बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। हमेशा मन में भय बना रहता था कि कहीं बारिश के कारण छत का यदि एक भी हिस्सा गिरा तो इस बुढ़ापे में उनको तथा उनके आश्रितों को हानि पहुंच जाएगी। बुढ़ापे में बार-बार घर की मरम्मत करने में काफी दिक्कत होती थी और आस-पड़ोस के लोगों की मदद लेनी पड़ती थी। पक्का आवास बनने के बाद अब उनको वर्षों से बारिश के समय लगने वाले डर और असुरक्षा की भावना से मुक्ति मिल गई है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान बैसाखीन बाई और उनके परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि इस उम्र में वह खुद का मकान बना सकेंगे। वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ है और लगभग 6 महीने में ही आवास निर्माण हो गया। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजनांदगांव सुरुचि सिंह के द्वारा बैसाखीन बाई का गृह प्रवेश कराया गया। अब वह अपने परिवार के साथ अपने पक्के घर में बिना किसी भय के बहुत अच्छे से रह रही है। इसके लिए उन्होंने शासन प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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