विद्युत ठेका कर्मी के मौत मामले में विद्युत विभाग के एई और जेई को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

बीते साल 26 अक्टूबर को विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण हुई थी आदिवासी युवक की मौत

घटना के बाद पुलिस ने एक ठेका कर्मचारी, विद्युत विभाग के पदस्थ एई और जेई के विरुद्ध दर्ज किया था अपराध

घटना के बाद आदिवासी समुदाय ने किया था जमकर विरोध प्रदर्शन

एफआईआर के बाद एई और जेई थे फरार

पुलिस के मजबूत एफआईआर के बाद सेशन और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आरोपी अधिकारियों की जमानत याचिका की थी खारिज

मामले में आरोपी ठेका कर्मचारी राजू कंवर है जेल में

बुधवार को खैरागढ़ थाने में दोनों आरोपी अधिकारियों ने गिरफ्तारी देकर ली जमानत

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. बीते वर्ष 26 अक्टूबर को विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते आदिवासी युवक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिली है। मामले में आरोपी विद्युत विभाग के सहायक अभियंता (AE) संदीप सोनी और जूनियर इंजीनियर (JE) सत्यम शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले जिला एवं सत्र न्यायालय तथा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से उनकी याचिका खारिज हो चुकी थी।

जानिए कैसे हुई थी आदिवासी युवकी करंट लगने से मौत

घटना जिला मुख्यालय खैरागढ़ के मोंगरा पुल के पास घटी जहां बिजली खंभा लगाने का कार्य ठेकेदार बीआर सिन्हा द्वारा कराया जा रहा था। इस कार्य में जेठूराम पिता रामकृष्ण जंघेल (उम्र 27 वर्ष निवासी भरदागोंड़) और भागवत (उम्र 29 वर्ष, निवासी जिराटोला) कार्यरत थे। दोनों मजदूर खंभे पर चढ़े हुए थे तभी अचानक करंट की चपेट में आ गए और नीचे गिर पड़े। यह दर्दनाक हादसा दोपहर 1 बजे के करीब हुआ। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को तत्काल खैरागढ़ सिविल अस्पताल पहुंचाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी जबकि दूसरा घायल अभी भी स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। इस हादसे के बाद खैरागढ़ पुलिस ने ठेकेदार राजू कंवर सहित विद्युत विभाग में पदस्थ AE और JE के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद दोनों अधिकारी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए थे। पुलिस द्वारा प्रस्तुत मजबूत साक्ष्यों और प्राथमिकी के आधार पर निचली अदालत और हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। मामले में आरोपी ठेका कर्मचारी राजू कंवर अभी भी जेल में है जबकि एई और जेई ने बुधवार को खैरागढ़ थाने में आत्मसमर्पण कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त जमानत का लाभ लिया। मामले में घटना के बाद आदिवासी समाज में भारी आक्रोश देखा गया था। समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था। अब जबकि उच्चाधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है यह देखना होगा कि मामले में आगे न्याय प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ती है। बहरहाल यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक है बल्कि ठेका श्रमिकों की कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर भी कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

मर्ग जांच और विभागीय प्रतिवेदन के बाद आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद विद्युत विभाग के आरोपी अधिकारी संदीप सोनी और सत्यम शर्मा को गिरफ्तार कर जमानत दी गई है।

अनिल शर्मा, टीआई खैरागढ़

सुप्रीम कोर्ट से मेरे पक्षकारों को राहत दी गई है जिसके बाद खैरागढ़ थाने में प्रक्रिया अनुरूप मुचलका जमानत पर उन्हें रिहा किया गया है।

मनराखन देवांगन, आरोपी अधिकारियों के अधिवक्ता

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