छत्तीसगढ़ी भाषा, संस्कृति व पत्रकारिता विषय पर बोले राजन
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष व दृश्यकला संकाय के अधिष्ठाता प्रो.राजन यादव ने रायपुर के पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अतिथि व्याख्यान दिया. विश्वविद्यालय के भाषा अध्ययन शाला द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी : भाषा, संस्कृति और पत्रकारिता विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के द्वितीय दिवस 22 फरवरी को प्रो.डॉ.यादव ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति : तब और अब विषय पर प्रदर्शनात्मक व्याख्यान देते हुये कहा कि लोक संस्कृति जन-जन के श्रम से सिंचित होकर प्रकृति की गोद में पलती-पनपती रही है. मानव का मानव के प्रति सहज प्रेम ही लोक संस्कृति का साध्य रहा है. हमारी संस्कृति की यह मानवीय पहलू हमारे लोक पर्वों एवं लोक कलाओं में परिलक्षित होता है. संगोष्ठी में प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे. संगोष्ठी के संयोजक डॉ.गिरजा शंकर गौतम एवं विभागाध्यक्ष प्रो.शैल शर्मा ने प्रो.राजन यादव को राजकीय गमछा, श्रीफल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया.