भाजपा, संकल्प पत्र नहीं माफीनामा जारी करे- मनराखन देवांगन

भाजपा का संकल्प पत्र नहीं जुमला पत्र है
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. कांग्रेस नेता विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने भाजपा के संकल्प पत्र को जुमला पत्र बताया है. मनराखन ने कहा कि पिछले दो बार के चुनावों में अपने वादों को भूल जाने वाले किस नैतिकता से नया संकल्प पत्र जारी किये है. भाजपा को जनता से नया वादा करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. भाजपा के लिये घोषणा पत्र जिसे वे संकल्प पत्र कहते है केवल जनता को ठगने का एक हथियार है. यह दल चुनाव में वोट लेने के बाद अपने संकल्प पत्र के वादों को खुद चुनावी जुमला बता देता हैं. जनता में भाजपा और मोदी दोनों की ही विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है. भाजपा का संकल्प पत्र नहीं माफीनामा जारी करें. 2014 और 2019 के संकल्प पत्र के वादों के बारे में बात करने की भाजपाई हिम्मत नहीं करते. भाजपा बताये युवाओं के लिए सालाना 2 करोड़ नौकरियों देने का क्या हुआ. किसानों की आय दोगुनी करने का क्या हुआ. एमएसपी की कानूनी गारंटी का क्या हुआ. किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत जोड़कर समर्थन मूल्य देने के वायदे का क्या हुआ. हर बैंक अकाउंट में 15-15 लाख देने का क्या हुआ. भाजपा बताये एससी, एसटी, के अधिकारों को सुरक्षित करने के वादे का क्या हुआ। एससी व एसटी पर 46 प्रतशित व 48 प्रतिशत अपराध क्यों बढ़ा. महिला आरक्षण लागू करने व महिला अत्याचार रोकने का क्या हुआ. 100 स्मार्ट सिटी का क्या हुआ. भाजपा के सांसदों के द्वारा गोद लिये गांवो का क्या हुआ 2020 तक गंगा साई का क्या हुआ 2022 तक हर परिवार के सर पर छत का क्या हुआ. 2022 तक सबको चौबीस घंटे बिजली देने का क्या हुआ? 2022 तक भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का क्या हुआ।लाल आँख व मैं देश नहीं झुकने दूँगा का क्या हुआ हमारी जमीन पर चीन ने 2000 किलोमीटर तक कब्जा कैसे कर लिया 2022 तक 40 करोड़ युवाओं को स्किल ट्रेनिंग का क्या हुआ. केन्द्रीय विभागों में लाखों पद रिक्त होने के बावजूद भर्तीया क्यों बंद हुई सेना में नियमित भर्ती बंद करके ठेके पर 4 साल के लिये अग्निवीर योजना का क्या औचित्य है. पहली बुलेट ट्रेन का क्या हुआ. मोदी और भाजपा के इन वादों का हिसाब जनता मांग रही है इस लोकसभा चुनाव में पूरा भारत जुमलेबाजों को हरायेगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 10 सालों में वादाखिलाफी का रिकॉर्ड बना चुकी भाजपा में साहस नहीं कि वह कोई नया वादा जनता से कर पाये. इसीलिये भाजपा का घोषणा पत्र पूरी तरह सतही और चुनावी औपचारिकता दिख रहा है. भाजपा के घोषणा पत्र में भाजपा के हार की झलक साफ दिख रही है. इसीलिये भाजपाई नया वादा करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है. ट्रेनों को बंद करने वाले वर्ल्ड क्लास स्टेशन बुलेट ट्रेन बनाने के लिये झूठे वादे कर रहे है। कांग्रेस के घोषणा पत्र से चुराकर गिगवर्कस के बारे में भी वादा कर रहे है. जबकि 10 सालों के मोदी राज में सबसे ज्यादा शोषण गिगवर्कर और असंगठित क्षेत्र का हुआ है. भाजपा के घोषणा पत्र में सक्षम और स्वावलंबी भारत बनाने की दिशा में कुछ भी नहीं है.
गैस पाइप लाइन के नाम पर किसानों पर अत्याचार फिर भी सांसद मौन
मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद धारी को संविधान से राजनीतिक पत्र का तुलना करना उनकी संविधान के प्रति नकारात्मक सोच का जीवंत उदाहरण है. भारतीय संविधान से देश चलने के साथ मौलिक अधिकार आम जनता को प्रदान किए हैं जो अकक्षुण है वही संकल्प पत्र वर्ष 2004, 2009,14 19 अब 2024 के संकल्प पत्रों से भाजपा का बदलता चेहरा साफ नजर आता है. वर्तमान में गैस पाइप लाइन से गैस प्रदान करने की बात की जा रही है सांसद संतोष पांडे के संपूर्ण संसदीय क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने वाले गेल लिमिटेड ने किसानों के खड़ी फसल व सिंचाई के लिए बिछाए गए ड्रिप इरिगेशन को जिस प्रकार से तहस-नहस कर उन्हें आर्थिक मार दी है यहां तक की किसानों को मुआवजा भी प्रदान न कर सीधे उनको जहां फसल से वंचित किया वहीं दोहरा आर्थिक मार दी ऐसी स्थिति में भाजपा और संसद में थोड़ी भी नैतिकता है तो गेल लिमिटेड पर अपराध दर्ज कराकर किसानों को उनकी भूमि और उनकी संपत्ति के नुकसान का मुआवजा प्रदान करावे. शौचालय की राशि का हेराफेरी भी लोकसभा क्षेत्र में जगजाहिर है. पी एम उज्जवला गैस योजना के नाम महिलाओं को मुक्त गैस देने का सब्जबाग दिखाकर रिफिलिंग के बोझ तले दबाने का काम भी बीजेपी ने किया है. उज्जवला गैस कनेक्शन की रिफिलिंग का प्रतिशत आंकड़ों के अनुसार उजागर हुआ है जो गरीब परिवारों के साथ जुमलेबाजी और अन्याय का साफ उदाहरण है.