मनोहर गौशाला को पांचवीं बार मिला गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. गौ सेवा का उत्कृष्ट कार्य करने वाली व जीव दया के लिए समर्पित नगर के धरमपुरा स्थित मनोहर गौशाला में प्रभु पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजन और 10वां स्थापना दिवस समारोह गरिमामय आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ. समारोह में मनोहर गौशाला को एक साथ चौथी और पांचवीं बार गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला. आयोजन में कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक देश के जाने-माने समाजसेवी और अंचल के गणमान्य नागरिक मौजूद थे.

अद्भुत कार्यों के लिए 5वीं बार मनोहर गौशाला को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला है. पाठकों को बता दें कि पहली बार कामधेनु माता सौम्या की सबसे लंबी पूंछ (54 इंच लम्बाई) के लिए, दूसरी बार 12 हजार लीटर गौ-मूत्र (अर्क) का निशुल्क वितरण करने के लिए, तीसरी बार 3 लाख 50 हजार गौ-दीप ( गौशाला के गोबर से बने दीपक) का निशुल्क वितरण करने के लिए, चौथी बार 70 हजार लीटर फसल अमृत (जैविक अर्क) के निशुल्क वितरण के लिए और पांचवी बार कामधेनु माता सौम्या के गोबर से बनी चटाई (6 फीट/4फीट) के निर्माण के लिए मनोहर गौशाला का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ हैं. सम्मान प्राप्ति के बाद गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी पदम डाकलिया ने बताया कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गोल्डन ऑफ बुक रिकार्ड की डायरेक्टर डॉ.सोनल शर्मा मौजूद थी उन्होंने गौशाला को 70 हजार लीटर फसल अमृत निशुल्क प्रदान करने के लिए चौथी बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड प्रदान किया वहीं इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बनाई गई गोबर की चटाई के लिए भी ऑनस्पाट गोल्डन ऑफ बुक रिकार्ड प्रदान किया. इसके साथ ही गौशाला को अब तक पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड मिल चुके हैं. मैनेजिंग ट्रस्टी श्री डाकलिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ रत्न शिरोमणि प.पू. मनोहर श्रीजी म.सा. की सुशिष्या प.पू. भक्तांबर प्रसारिका मृगावती म.सा. की प्रेरणा से यह संपन्न हो पाया है.

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ.गिरीश चंदेल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा कि गौशाला में ऋषियों के बताए मार्ग पर काम किया जा रहा है. यहां गोबर व गो-मूत्र से कई अतुलनीय कार्य किए जा रहे हैं. हमने पहली बार किसी गौशाला में देखा वेद व विज्ञान को जोड़ने का अद्भुत कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गौशाला में हो रहे रिसर्च पर हमारे 11 वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. गौशाला के रिसर्च में आगे जो भी कार्य करने होंगे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की टीम इसमें जुटेगी. गोंदिया के महंत रामज्ञानी दास महात्यागी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसी गौशाला नहीं देखी. यह अद्भुत, अद्वितीय व दर्शनीय होने के साथ अनुकरणीय भी हैं.

फसल अमृत को लेकर भविष्य में होंगे कई शोधपरक कार्य

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि विवि के डायरेक्टर ऑफ रिसर्च डॉ.विवेक त्रिपाठी ने गौशाला द्वारा बनाई गई फसल अमृत की सराहना की. उन्होंने कहा कि अगर सभी गौशालाओं में ऐसा कार्य होने लगे तो किसानों की आय के साथ ही लोग समृद्ध हो सकेंगे. फसल अमृत के उपयोग से खेत में 25 प्रतिशत यूरिया कम पड़ेगी. इसे लेकर आगे चलकर और बड़ा काम किया जाएगा. अमरावती से पधारे गौ सेवक डॉ हेमंत मुरके ने कहा कि आज देश को ऐसे ही रिसर्च की आवश्यकता है ताकि देश की गौशालाएं आत्मनिर्भर बन सके. रायपुर से पधारी समाजसेविका पुष्पा मालू ने गौशाला के कार्यों व संचालक पदम डाकलिया के प्रयासों की प्रशंसा की. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वंदना ग्रुप चेयरमैन रायपुर गोपाल अग्रवाल, डॉ.विनय बोथरा अमरावती उपस्थित रहे.

गौ सेवा एवं जीव दया के लिए समर्पित कार्यों में एक कदम और आगे बढ़ते हुए मनोहर गौशाला में 11 सौ गौवंश के लिए शेड एवं पशु चिकित्सालय का निर्माण जारी है. इसका भी अतिथियों ने अवलोकन किया. इसके अलावा फसल अमृत, गौ अर्क के निर्माण की प्रक्रिया भी देखी. लोगों ने दुर्लभ कामधेनु माता और पार्श्वनाथ भगवान की पूजा-दर्शन कर आर्शीवाद लिया.

3 हजार पौधों से बनाया जा रहा स्वनिर्मित जंगल गौशाला के पास 3 हजार पौधे लगाकर जंगल बनाया जा रहा है. अब यह पौधे बड़े होने लगे हैं. यहां आए अतिथि इसे देखकर प्रफ्फुलित हो उठे.

कार्यक्रम में मुंबई के वरिष्ठ समाज सेवी एवं जीवदया प्रेमी विजय वोरा को भारत की बड़ी संख्या में गौशालाओं की सेवा करने के लिए गौसेवा रत्न अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया गया. श्री वोरा ने अब तक दयनीय स्तिथि में रहे देश भर के 150 से अधिक गौशालाओं को गोद लेकर नवजीवन दिया हैं. यह अलंकरण दो साल पहले छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसूईया उइके को दिया गया था. गौ सेवा व गौशालाओं में अपने कार्य का अनुभव साझा करते हुए श्री वोरा ने कहा कि मैंने पहली बार ऐसी गौशाला देखी जहाँ गोवंश के गोबर में गंध तक नहीं, यहाँ मच्छर व मच्छर नहीं भिंभीनाते. कार्यक्रम का सफल संचालन युवा समाजसेवी गगन बरडिया रायपुर ने किया. इस अवसर पर समाजसेवी राजेश बरलोटा, ओमप्रकाश बरलोटा रायपुर, जैन समाज के अध्यक्ष राजेंद्र डाकलिया, गौशाला के ट्रस्टी महेंद्र लोढ़ा, प्रवीण पारख रायपुर, दीपक अग्रवाल दुर्ग, विनय बोथरा अमरावती, पारस छाजेड, श्री कोचर विकास गादिया रायपुर, जय डाकलिया, युवा भजन गायक जैनम व नमन डाकलिया, युवा समाजसेवी चमन डाकलिया खैरागढ़, गगन बरडिया रायपुर सहित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार के बड़ी संख्या में गौसेवा प्रेमी मौजूद थे.

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