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बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज: पिता का किया अंतिम संस्कार

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. पिता की चिता को मुखाग्नि सिर्फ बेटा ही दे सकता है। बेटियां चिता को मुखाग्नि नहीं दे सकती इस रूढ़िवादी सोच से ऊपर उठकर दाऊचौरा निवासी दिवंगत संजय श्रीवास्तव की बेटी शिवांगी ने उन्हें मुखाग्नि दी। दरअसल दाउचौरा निवासी अधिवक्ता संजय काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे और शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन के दौरान संजय श्रीवास्तव के साथ उनकी पत्नी और बेटी शिवांगी थी। बेटी अभी केंद्रीय विद्यालय में 11 वीं कक्षा में अध्ययनरत है। शिवांगी ने दाऊचौरा स्थित जैन मुक्तिधाम में नंबर आंखों से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और साबित कर दिया कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता। बेटी को अपने पिता को मुखाग्नि देते देखकर वहां मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गई।

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