प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री पर जनसुनवाई रद्द करने की मांग हुई तेज

सत्यमेव न्यूज के लिए अनुराग शाँति तुरे खैरागढ़। जिले में प्रस्तावित श्री सीमेंट फैक्ट्री को लेकर बढ़ते विरोध के बीच युवा कांग्रेस ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर तीखी आपत्ति दर्ज कराई। जिलाध्यक्ष गुलशन तिवारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि पर्यावरण विभाग द्वारा 11 दिसंबर 2025 को निर्धारित जनसुनवाई को तत्काल रद्द या स्थगित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि ग्रामवासियों की स्पष्ट आपत्तियों के बावजूद प्रशासन द्वारा जनसुनवाई की घोषणा जनभावनाओं की उपेक्षा है। युवा कांग्रेस ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि जुलाई 2024 में आयोजित व्यापक हस्ताक्षर अभियान और अगस्त 2024 में कलेक्टर को सौंपे गए विस्तृत प्रतिवेदन के माध्यम से ग्रामीणों ने बार-बार अपनी चिंताएं रखीं वहीं प्रेस वार्ता के जरिए भी संभावित पर्यावरणीय व सामाजिक प्रभावों पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। इसके बावजूद एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद न तो प्रशासनिक दल गाँवों का दौरा कर पाया और न ही ग्रामीणों की आपत्तियों पर कोई विस्तृत चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में निष्पक्षता का अभाव दिख रहा है और बिना जनता की बात सुने जनसुनवाई घोषित करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मूल भावना के विपरीत है।
ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि फैक्ट्री शुरू होने पर क्षेत्र में खेती-किसानी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है एवं पर्यावरण प्रदूषण बढ़ने का खतरा रहेगा। साथ ही पशुपालन प्रभावित होगा और स्थानीय युवाओं के रोजगार पर भी संकट गहरा सकता है।

ज्ञात हो कि सीमेंट फैक्ट्री के विरोध में बीते वर्ष से लगातार विचारपुर, पंडरिया, बुंदेली, संडी सहित कई गाँवों के हजारों लोग खासतौर पर अन्नदाता किसान पूर्व में भी इन संभावित दुष्प्रभावों को लेकर आन्दोलन की चेतावनी दे चुके हैं। युवा कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन ने जनभावना के विपरीत परियोजना को आगे बढ़ाया तो ग्रामीणों के सहयोग से व्यापक जनआंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जनता की अनदेखी कर लिया गया कोई भी निर्णय स्वीकार नहीं किया जाएगा और ऐसी स्थिति में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों की जिम्मेदारी पूरी तरह शासन-प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में जिलाध्यक्ष गुलशन तिवारी, जिला पंचायत सदस्य शताक्षी देवव्रत सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी राजेश लुनिया, विजय वर्मा, नित्यशरण सिंह, रिंकू गुप्ता, शुभम वर्मा, केदार जंघेल सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। अब क्षेत्र की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन आगामी दिनों में इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है।

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