सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य पीजी कालेज महासमुन्द द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता दृश्यकला संकाय प्रो.डॉ.राजन यादव बतौर विषय विशेषज्ञ शामिल हुये। 14 नवम्बर को संस्कृति के उन्नायक श्रीराम: विविध आयामों के परिप्रेक्ष्य में विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में प्रो.राजन यादव ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में श्रीराम: विषयक विशेष व्याख्यान देते हुए कहा कि भारतीय जीवन के अनंत स्रोतों का मूल उद्गम लोक संस्कृति है। छत्तीसगढ़ की मौलिक पहचान एक सांस्कृतिक जनपद की रही है। यहां की लोक संस्कृति में श्रीराम एवं उनकी कथा कहीं मुखड़ा तो कहीं अंतरा, कहीं सूत्र तो कहीं विस्तार में चलती है। जन्म से लेकर मृत्यु तक श्रीराम यहाँ की लोक संस्कृति में गुंथे हुए हैं धागे में मणि की तरह। कार्यक्रम के आरंभ में प्रो.राजन यादव का सम्मान संस्था की प्राचार्य प्रो.अनुसुइया अग्रवाल एवं विभागाध्यक्ष डॉ.सीमारानी प्रधान के द्वारा किया गया। उक्त संगोष्ठी में डॉ.सविता यादव शिक्षिका डॉ.पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी उ.मा. शाला खैरागढ़ व डॉ.उमेन्द चंदेल अतिथि प्राध्यापक रानी रश्मि देवी सिंह शासकीय महाविद्यालय खैरागढ़ ने भी शोध पत्र प्रस्तुत किये।