खैरागढ़ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में मनाया गया हिंदी दिवस समारोह

वक्ताओं ने कहा- विश्व पटल पर आज हिंदी की गूँज
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के तत्वावधान में विश्व हिंदी दिवस समारोह 11 जनवरी 2025 को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मृदुला शुक्ल अधिष्ठाता कला संकाय, अध्यक्ष प्रो.राजन यादव विभागाध्यक्ष हिन्दी एवं अधिष्ठाता दृश्यकला संकाय, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.कौस्तुभ रंजन मिश्र सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी इस अवसर पर प्रो.शुक्ल ने कहा कि फ़ादर कामिल बुल्के और मारीशस के प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार अभिमन्यु अनंत का विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रो.यादव ने बताया कि 600 धातुओं, 26 उपसर्गों और 80 प्रत्ययो का उपयोग करते हुये आज हिन्दी ने 17 निजी उपसर्ग और 50 अपने प्रत्यय विकसित किये हैं। इस समय हिंदी की अपनी लगभग 50 बोलियां, 250 मातृ भाषाएं हैं 17 भाषिक रूप हैं और लगभग डेढ़ दर्जन साहित्यिक विभाषाए हैं। भारत के बाहर विदेशों में 800 से अधिक विश्वविद्यालयों एवं स्कूलों में हिंदी पढ़ाई जा रही है। डॉ.कौस्तुभ रंजन मिश्र ने बताया कि महात्मा गांधी के अफ्रीका वापसी 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस और 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। आज प्रवासी भारतीयों और इन्डियन डायसफोरा के माध्यम से हिंदी समृद्ध हो रही है। हिंदी का विस्तार विषयक कविता का वाचन पल्लवी बंसोड, मीरा वर्मा एवं पूजा तान्डेकर ने किया।शोधार्थी सविता वैष्णव, सरिता पटेल, देवराज वर्मा, शरद स्वर्णकार एवं गीतेश्वरी साहू ने विश्व पटल पर हिंदी की दशा और दिशा पर विचार विमर्श किया। इस कार्यक्रम में भुनेश्वर साहू, दीपाक्षी मेश्राम, वर्षा देवांगन, शैलकुमारी, आरती, शीतला, देवकुमार पटेल, नेमसिह एवं शोधार्थी कृष्ण कुमार का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में हिंदी, संस्कृत एवं अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गीतेश्वरी एवं आभार व्यक्त हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष दिव्या ब्रह्मभट्ट ने किया।