नाबालिग का यौन शोषण करने वाले युवक को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

यौन शोषण से नाबालिग हो गई थी गर्भवती
डीएनए टेस्ट से हुई आरोपी के पिता होने की पुष्टि
नाबालिग ने दिया है एक स्वस्थ बच्ची को जन्म
विशेष अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
न्यायालय ने कहा ऐसे गंभीर अपराध क्षम्य नहीं
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नाबालिग से यौन शोषण मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश खैरागढ़ ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद अपने महत्वपूर्ण फैसले में आरोपी युवक को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी अनुसार जिले के बकरकट्टा थाना क्षेत्र अंतर्गत विगत 4 नवंबर 2021 की रात्रि लगभग 11 बजे आरोपी जग्गा उर्फ बुद्धु सिंह मेरावी ने महज 12 साल 17 दिन की नाबालिग अवयस्क बालिका को बहला-फुसलाकर व विवाह का प्रलोभन देकर उसका यौन शोषण किया था। आरोपी नाबालिग के साथ लगभग वर्षभर यौन शोषण करता रहा, परिणामस्वरूप नाबालिग गर्भवती हो गई। नाबालिग के परिजनों ने 26 नवंबर 2022 को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस ने आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर धारा 363, 366, 376(2)(ञ)(ढ), 376(3) आईपीसी एवं धारा 3/4, 5(ञ)(पप)(ठ)/6 पॉस्को एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय के आदेश पर आरोपी को जेल भेजा था। इस मामले में विशेष अपर सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई जहां विद्वान न्यायाधीश चंद्रकुमार कश्यप ने महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुये आरोपी को क्रमशः आईपीसी की धारा 363 के तहत 7 वर्ष व 500 रूपये का अर्थदंड, आईपीसी की धारा 366 के तहत 10 वर्ष व 500 रूपये का अर्थदंड एवं पॉस्को एक्ट के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं होेने पर आरोपी को क्रमशः एक माह, एक माह व दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। पीड़ित पक्ष की ओर से शासकीय अपर लोक अभियोजक ज्ञानदास बंजारे ने पैरवी की। पूरे मामले में यौन शोषण के चलते नाबालिग गर्भवती हो गई थी और युवती ने कानूनी संरक्षण में एक स्वस्थ कन्या को जन्म दिया जिसका डीएनए टेस्ट उपरांत यह पुष्टि हुई कि नाबालिग के गर्भ से पैदा हुई बच्ची आरोपी जग्गा की है। न्यायालय ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में सजा सुनाते हुये कहा है कि समाज में ऐसे गंभीर अपराध क्षम्य नहीं है एवं ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिये कलंककारी है।