मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुराहाल
धरसींवा व आरंग पुलिस ने दर्ज नहीं किया अपराध
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. बाज़ार अतरिया. सोनपुरी निवासी परमेश्वर यादव पिता आनंद राम यादव उम्र लगभग 22 साल जो कि रायपुर निवासी चेतन कुमार चंद्राकर का हैवी व्हीकल ड्राइवर था और लगभग साल भर से चेतन कुमार के यहाँ कम करता था. ड्राइवर परमेश्वर यादव की हत्या हो गई है. हत्या किसने की और क्यों की हैं अब तक इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इधर परिवार वालो का रो-रोकर बुरा हल है.
जानकारी के मुताबिक परमेश्वर अपने मालिक के कहने पर टाटा मोटर्स रायपुर सिलतरा से यूरिया पानी लोड कर 26 अक्टूबर को जायका ऑटोमोटर्स बलौदबाजार के लिए शाम को लगभग साढ़े पांच बजे के आसपास निकला था, लेकिन वह बलौदाबाजार नहीं पहुंचा. परिजनों का कहना हैं कि परमेश्वर रास्ते में ही हत्या का शिकार हो गया। 27 अक्टूबर को उनके मालिक ने मोबाइल में कॉल किया लेकिन उसका मोबाइल बंद आया. काफी देर तक संपर्क नहीं होने पर उसके मालिक ने जायका मोटर्स वाले से जानकारी ली। वहा पता चला की ड्राइवर तो अभी तक सामान लेकर नहीं पंहुचा है. तब गाड़ी मालिक ने गाड़ी के जीपीएस के माध्यम से गाड़ी तक पंहुच बनाई. जब वहां जाकर देखा तो गाड़ी में जो सामान लोड था वह गायब है और ड्राइवर भी मौके पर नहीं है. ड्राइवर का एक चप्पल गाड़ी में और एक चप्पल गाड़ी के बाहर पड़ा मिला.इस बात कि सूचना
वाहन मालिक ने परमेश्वर के परिजनों को दी. परिजनों ने काफी खोजबीन करने की कोशिश की लेकिन परमेश्वर की कोई खबर नहीं मिली. परिजनों ने बताया कि गुमशुदगी की टिपोर्ट धरसींवा थाना व आरंग थाना में दर्ज करवाना चाहा लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की, पुलिस परिजनों को घुमाने लगे, खबर ये भी है कि पुलिस को रायपुर से 70 किलोमीटर दूर सारागाव में एक डेड बॉडी मिली हैं जो परमेश्वर की थी. 31 अक्टूबर को पुलिस ने परमेश्वर के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को शव सौप दिया.
पांच दिन बाद मिला सड़ा हुआ शव
परमेशवर 26 अक्टूबर को गाड़ी लोड करके निकला जो रास्ते में ही उसी दिन हत्या का शिकार हो गया और परमेश्वर का लाश पांच दिन बाद सड़ी गली अवस्था में मिली. परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है और मृतक परमेश्वर के हत्यारो को कड़ी से कड़ी सजा दिलाये जाने की मांग की है. वही परिजनों ने गाड़ी मालिक के ऊपर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों ने गाड़ी मालिक से कड़ी पूछताछ व जिस रोड में गाड़ी चली है का सीसी टीवी फुटेज खंगालने की मांग की है. ताकि सच सामने आये और मृतकों के परिजनों को न्याय मिल सके. हैवी व्हीकल में अकेले ड्राइवर का सफर कराना वाहन के मालिक को भी शक के दायरे में लाता है . इस मामले में पुलिस का हाथ पे हाथ धरे बैठे रहना भी समझ से परे है, इतने बड़े अपहरण और फिर हत्याकांड की गुत्थी और उलझ गई है. बहरहाल पुलिस का रिपोर्ट दर्ज करने से मना करना और नकारात्मक रवैया पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है.