जिला निर्माण के बाद भी विकास की बाट जोह रहा बाजार अतरिया क्षेत्र

सत्यमेव न्यूज/बाजार अतरिया. आजादी के 75 साल बाद और छत्तीसगढ़ प्रदेश निर्माण के 22 साल बाद भी खैरागढ़ अंचल का बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाला बाजार अतरिया क्षेत्र अपने जायज विकास को तरस रहा है. अब बाजार अतरिया से महज 17 किलोमीटर की दूरी में नवीन जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला कार्यालय होने के बाद भी क्षेत्र में अदद बुनियादी सुविधा मुहैय्या नहीं हो पा रही है. सीधे तौर पर जिला प्रशासन बाजार अतरिया के आम नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं से दूर ही नजर आता है.

बाजार अतरिया में वर्षो पुरानी मांग पुलिस चौकी, सार्वजनिक सुलभ शौचालय का संचालन, पेयजल की व्यवस्था, आधुनिक हाईटेक बस स्टेशन, मिनी स्टेडियम का रखरखाव जैसे विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है वहीं कई शासकीय कार्यालय में कर्मचारियों की कमी, कर्मचारियों का समय पर ना आना, बाजार अतरिया से जुड़े खराब व जीर्ण-शीर्ण हो चुकी सड़को का नवीनीकरण, नवीन सड़क की मांग ऐसे कई विकासपरक मुद्दे और नागरिकों की शिकायते हैं जिस पर आज तक कार्यवाही नहीं हो पायी हैं. क्षेत्र में जिला बनने के बाद विकास को लेकर अपार संभावनाएं होने के बावजूद कोई ठोस विकास के कार्य में गति देखने को नहीं मिल रही है.

व्यापारिक दृष्टिकोण से अगर देखा जाए तो नवीन जिला को प्रदेश की राजधानी रायपुर से बाजार अतरिया सीधे जोड़ता हैं. यहाँ रोजाना अलग-अलग राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र से आयात-निर्यात के लिए ट्रांसपोर्टों की गाड़ी सीधे प्रदेश की राजधानी बाजार अतरिया से होकर गुजरती हैं. प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में इसे विकसित कर भावी विकास, आयात-निर्यात, आधुनिक खेती, पर्यटन, सड़क शिक्षा व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था सहित विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को गति दिया जा सकता है.

देश आजाद हुआ, छत्तीसगढ़ प्रदेश का गठन हुआ वहीं आज नवीन जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के बाजार अतरिया ग्रामीण अंचल की विभिन्न गांवों को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है. इस क्षेत्र से रोजाना व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, किसानों सहित आम नागरिकों को अपने रोजमर्रा के काम-धाम व खेती किसानी से जुड़े विभिन्न कार्यों को लेकर गुजरना ही पड़ता है. सड़कों की खराब स्थिति के कारणयहाँ आये दिन दुर्घटनाएं घटती रहती हैं वहीं बाजार अतरिया से महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की दूरी भी न्यूनतम हैं पर नवीन जिला निर्माण होने के बाद आज तक बाजार अतरिया को जोड़ने वाली विभिन्न सड़कों की स्थिति बेहद खराब है. बात करें तो भीमपुरी से उदयपुर मार्ग, भीमपुरी से बोरई मार्ग, बाजार अतरिया से जुनवानी-मड़ौदा को जोड़ने वाले मार्ग, कुकुरमुड़ा से सिंघौरी मार्ग, सिंघौरी से धूमा खैरझीटी-घोटवानी मार्ग, केशला से खपरी-बडगड़ा मार्ग, रगरा से खपरी बडगडा मार्ग, जोरातराई से मदनपुर मार्ग एवं बाजार अतरिया से भीमपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग सरीखे विभिन्न मार्गो में कहीं-कहीं पक्की सड़क तो है लेकिन जगह-जगह गड्ढे, डामर उखड़ चुके हैं. पुल-पुलिया धसक गये है वहीं एक-एक फीट के गड्ढे भी भ्रष्टाचार की कहानी बयां करते इन सड़कों पर दिखाई देते हैं. क्षेत्र में तमाम सड़कों की स्थिति क्षतिग्रस्त है.

नवीन जिला खैरागढ़- छुईखदान-गंडई बनने के बाद भी बाजार अतरिया क्षेत्र जो एक व्यापारिक दृष्टिकोण का हो या जिले से राजधानी को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग पर एक बड़ा जंक्शन होने के बावजूद भी जिला व पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता देखने को मिली हैं. जहां अवैध कारोबार लंबे समय से खूब तेजी से फल-फूल रहा है. चाहे अवैध शराब, जुआ-सट्टा, गांजा तस्करी, ढाबा संचालकों के द्वारा ढाबों में परोसी जा रही शराब, चोरी-लूटपाट, दुकानों-मकानों में चोरी, शासकीय भवनों में उपद्रवियों का उत्पात जैसे तमाम अपराधों पर अंकुश लगाने पुलिस प्रशासन विफल रही हैं इन परिस्थितियों के निदान के लिए क्षेत्र के ग्रामीण लगातार पुलिस चौकी की मांग करते रहे हैं. पर वर्षों की मांग पूरी नहीं हो पायी हैं.

आजादी के 75वें साल के बाद भी बाजार अतरिया क्षेत्र के शासकीय कार्यालय आज भी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है वहीं बाजार अतरिया के पशु चिकित्सालय तो आए दिन बंद पड़ा रहता हैं. यहाँ खुद बीमार अस्पताल हैं वहीं बाजार अतरिया में संचालित आयुर्वेदिक अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक शाला, पूर्व माध्यमिक शाला, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, बिजली विभाग, सेवा सहकारी समिति, शासकीय नवीन महाविद्यालय जैसे तमाम शासकीय कार्यालय में आज भी कर्मचारियों की कमी बनी हुई है जिससे असुविधा बनी हुई है.

स्थानीय बाजार अतरिया में बहुत ही प्रख्यात नथेला मंदिर जहां भगवान भोले शंकर शिव विराजमान है जहां महाशिवरात्रि, नवरात्र पर्व में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. नवरात्र में ज्योति कलश की दीप प्रज्वलित की जाती है श्रावण मास में अधिक श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिलता है वहीं पर्यटन विभाग यह मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है लेकिन जिला मुख्यालय से लगे हुए बाजार अतरिया में विराजमान नथेला मंदिर को लेकर कोई ठोस पहल तो दूर की बात यहां झांकने तक नहीं पहुंचे हैं वहीं केंद्र एवं राज्य सरकार की मंशा अनुरूप देवी दीवालियों मंदिर को पर्यटन के रूप में विकसित किया जाना है लेकिन इस दिशा में जिला प्रशासन विफल नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद आज भी स्थानीय बाजार अतरिया सहित आसपास क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. ग्रामीण अंचल में पेयजल, शौचालय, नाली निर्माण, सड़क निर्माण, पक्की रोड सहित विभिन्न मूलभूत सुविधा नहीं मिल पा रही हैं. स्थानीय बाजार अतरिया की ही बात करें तो व्यापारिक दृष्टिकोण से यहां पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं. सार्वजनिक सुलभ शौचालय, बस स्टैंड, पुलिस चौकी सहित विभिन्न सुविधाओं के लिए आज भी यहाँ नागरिकों को प्रशासन के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

नवीन जिला खैरागढ़- छुईखदान-गंडई बनने के बाद से अभी तक ग्रामीण क्षेत्र के उन्नतशील कृषकों को आधुनिक खेती का लाभ जिला प्रशासन की ओर से नहीं मिल पा रहा है वहीं छत्तीसगढ़ राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ क्षेत्र के उन्नतशील कृषकों को नहीं मिल पा रहा है. नवीन खेती करने को लेकर कृषकों को प्रोत्साहित भी नहीं किया जा रहा है. आज भी पुराने सिस्टम पर धान, सोयाबीन, अरहर, टमाटर जैसी परंपरागत खेती की जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करने कोई सार्थक प्रयास नहीं हो रहा हैं वहीं बाजरा, गन्ना, दलहन, तिलहन जैसे विभिन्न कृषक आधुनिक खेती करना चाह रहे है लेकिन शासन और प्रशासन से किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

क्षेत्र में सोयाबीन एवं टमाटर की खेती अधिक होती हैं जोकि एबीस के तर्ज पर जिले में उद्योग एवं टमाटर कैचप का उद्योग जरूरी है वहीं जंगल क्षेत्र साल्हेवारा, गातापार में बांस की उपज को बढ़ावा देकर कागज का कारखाना खोला जा सकता है. इन उद्योग-धंधों से किसानों को सोयाबीन एवं टमाटर की सही कीमत मिलेगी वहीं जिले के युवाओं को रोजगार के भी अवसर मिलेंगे वही हमारे जिले के सालिहा एवं पवनतरा में पर्याप्त जमीन भी उपलब्ध है.

उत्तमचंद जंघेल, प्रगतिशील कृषक

प्रदेश गठन के बाद से बैंगन फूड एवं मसालों की खेती का रकबा शून्य है जिसको बढ़ावा देना चाहिए जिससे किसान समृद्ध हो सके. साथ ही टपक सिंचाई विधि से खेती को अधिक बढ़ावा देने अधिक प्रयास होना चाहिये. शासन को सब्सिडी में भी बढ़ोतरी करनी चाहिये जिससे टपक सिंचाई विधि से कृषि को बढ़ावा मिले और कृषक को आर्थिक लाभ मिले.

केशव चंदेल, उन्नत कृषक

जिला बनने से बाजार अतरिया में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला. बाजार अतरिया सरकारी शराब दुकान बंद होने के बाद, अवैध शराब की बिक्री बढ़ी हैं. पुलिस चौकी, बस स्टेशन, आत्मानंद स्कूल, नये उद्योग खुलेंगे तो व्यापार में बढ़ोतरी हो सकती हैं जिसके लिये शासन-प्रशासन को पूरी रूचि से काम करना चाहिये.

कमल शर्मा, व्यवसायी

बाजार अतरिया क्षेत्र में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार के लिये रोजगार के नए अवसर खुलना चाहिए. लघु व बड़े उद्योग धंधों के लिए यहाँ बेहतर वातावरण है जिसके लिए शासन से सब्सिडी भी मिलनी चाहिए. ऐसा हुआ तो क्षेत्र में रोजगार की कमी आयेगी और यहाँ के निवासियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. यहाँ राष्ट्रीयकृत बैंक की भी स्थापना होनी चाहिये.

आशीष पारख, युवा व्यवसायी

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