भाजपा की साय सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ किया दुर्भावना पूर्वक भेदभाव- गजेन्द्र ठाकरे
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकरे ने भाजपा सरकार पर षडयंत्रपूर्वक ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की साय सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ दुर्भावनापूर्वक भेदभाव किया है जिसे माफ़ नहीं किया जा सकता। श्री ठाकरे ने आगे कहा कि इसके कारण ओबीसी वर्ग से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपने अधिकार का हनन समझ रहे हैं जबकि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की बहुलता है और भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों में किये गये दुर्भावनापूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला एवं जनपद पंचायतों में ओबीसी वर्ग के लिये आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25 प्रतिशत सीटे अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीवारों के लिये आरक्षित थी अब इन क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है जिसके कारण ओबीसी वर्ग अपने आप को भाजपा की साय सरकार राज में ठगा महसूस कर रहा हैं यह अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का सीधा हनन है जो उन्हें संविधान से प्राप्त हुआ है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री ठाकरे ने बताया कि मैदानी क्षेत्रों में अनेक पंचायते ऐसी है, जहां पर 90 से 99 प्रतिशत आबादी ओबीसी की है लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिये सरपंच का पद आरक्षित नहीं है। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पूर्व में ओबीसी के लिये आरक्षित ये सभी सीटें सामान्य घोषित हो चुकी है। साय सरकार द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिलें और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद ओबीसी के लिये आरक्षित था अब वे सामान्य सीटें घोषित हो चुकी हैं। बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिलें अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया-महेन्द्रगढ़-चिरमिरी, भरतपुर-सोनहत, बस्तर के सात जिले-बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर-मोहला, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये कुछ बचा ही नहीं है। सरकार द्वारा स्थानीय नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्रपूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसका परिणाम सामने है। भाजपा की साय सरकार ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती की है। रायपुर जिला पंचायत में 16 में से केवल चार सीट ही ओबीसी के लिये आरक्षित है, उसी तरह बिलासपुर जिलें में 17 में से केवल 1 क्षेत्र ओबीसी महिला के लिये आरक्षित है। ओबीसी पुरूष के लिए 17 में से 1 भी सीट आरक्षित नही है, उसी तरह 4 जनपद पंचायतों में जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, 1 अनारक्षित महिला और 1 जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। यहां एक भी पद ओबीसी के लिये आरक्षित नही है जिसके कारण प्रदेश के ओबीसी वर्ग चुनाव लड़ने से वंचित हो गया है और साय सरकार ने ओबीसी वर्ग हो चुनाव लड़ने से षडयंत्रपूर्वक रोक दिया है और यह अब तय हो गया है कि भाजपा की डबल इंजन वाली मोदी व साय सरकार ओबीसी विरोधी बन गयी हैं और यह स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।