भीड़ जुटाने डरा-धमकाकर किया जा रहा कथित आंदोलन, कर्मचारी संघ पर कुलपति का बड़ा आरोप

कथित आंदोलन की आड़ में विश्वविद्यालय की गरिमा से खिलवाड़
गैर शिक्षक कर्मचारी संघ पर लगा विश्वविद्यालयी वातावरण दूषित करने का आरोप, कुलपति बोलीं- कीर्ति को नहीं होने देंगे धूमिल
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. देश-विदेश में ख्याति प्राप्त इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के कुछ सदस्यों पर कथित आंदोलन की आड़ में विश्वविद्यालय की गरिमा को क्षति पहुंचाने तथा अन्य कर्मचारियों को डराकर आंदोलन में शामिल करने के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह आंदोलन न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की वैधानिक कार्यप्रणाली के खिलाफ है बल्कि सौहार्द्रपूर्ण शैक्षणिक वातावरण को भी प्रभावित कर रहा है। संघ के कुछ कर्मचारी अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए नियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। विरोध करने वाले कर्मचारियों को अलग से मिलकर धमकाया जा रहा है ताकि वे आंदोलन में मजबूरीवश शामिल हों।
विकास की राह में अवरोध पैदा कर रहा संघ- कुलपति का कड़ा बयान
कुलपति प्रो.डॉ.लवली शर्मा ने इस आंदोलन को पूरी तरह औचित्यहीन और दुर्भावनापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति और नवाचार आधारित शैक्षणिक गतिविधियों के जरिए लगातार प्रगति कर रहा है। देशभर से छात्र यहां शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं, लेकिन कुछ असंतुष्ट तत्व इस संस्थान की कीर्ति और गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति केवल संस्थान की जरूरतों के आधार पर की है, न कि किसी संघ के दबाव में। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये कर्मचारी किसी संघ का हिस्सा नहीं हैं फिर भी आंदोलन में जबरन घसीटा जा रहा है, जिससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कुलपति ने दो टूक कहा हम विश्वविद्यालय की गरिमा को हर हाल में अक्षुण्ण बनाए रखेंगे और विकास के मार्ग में किसी भी प्रकार की बाधा को स्वीकार नहीं करेंगे। इस समूचे घटनाक्रम को लेकर विश्वविद्यालय परिवार और स्थानीय शैक्षणिक जगत में चर्चा तेज हो गई है। अधिकतर कर्मचारी और विद्यार्थी इस कथित आंदोलन को गैर-जरूरी और विश्वविद्यालय विरोधी मान रहे हैं।