जन चौपाल लगाकर दी गई ग्रामीणों को कानून की जानकारी

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के तत्वाधान में तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा 18 दिसंबर को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन ग्राम चंगुर्दा में किया गया, जहां पैरालीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने उपस्थित ग्रामीणजनों को पॉक्सो एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो (बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) कानून बनाया गया है. इस कानून के जरिये नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है तथा अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है. इस कानून के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका की सहमति-असहमति का कोई अर्थ नहीं होता है. आगे साइबर अपराध के अंतर्गत बताया कि किसी भी अनजान को अपना पर्सनल एवं बैंकिंग जानकारी शेयर ना करें. पीएलवी साहू ने घरेलू हिंसा के संबंध मेंकहा कि कानून में एक बात ध्यान देने योग्य है कि इसमें आमतौर पर केवल पत्नियों द्वारा ही पति और सुसराल के लोगों पर मुकदमा लगाया जाता है लेकिन यह कानून इससे कही ज्यादा विस्तृत है. गृहस्थी में रहने वाली कोई भी महिला अपने साथ हिंसा होने पर घर के पुरुष या महिला किसी भी सदस्य या सदस्यों पर मुकदमा लगा सकती है. एक मां भी अपने पुत्रों पर एवं बहुओं पर घरेलू हिंसा का प्रकरण लगा सकती है या फिर लिव इन में रहने वाली महिला पार्टनर अपने पुरुष पार्टनर पर घरेलू हिंसा का केस लगा सकती है, इस ही तरह एक बेटी भी अपने माता पिता पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करवा सकती है, साथ ही टोनही प्रताड़ना, अभिव्यक्ति एप्लीकेशन और महिलाओं में होने वाले निमोनिया खून की कमी के संबंध में भी शिविर में विस्तृत जानकारी दी गई, जिसका उपस्थित ग्रामीणों ने लाभ उठाया.तालुका विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा प्रदान की जाने वाली निशुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता व टेली लॉ एप्लीकेशन के संबंध में बताया भी ग्रामीणों को बताया गया वहीं ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों ने अपनी शंका समाधान के लिए प्रश्न किया जिसका कानूनी समाधान बताया गया. कार्यक्रम में ग्राम प्रधान सरपंच देवकी धुर्वे, सचिव पूनऊ धुर्वे पंच सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे.