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वनांचल के ग्राम पंचायत सिंगारपुर के आश्रित ग्राम तुमड़ादाह में जिला निर्माण के बाद भी नहीं हो पा रहा आंगनबाड़ी का संचालन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला निर्माण को लगभग ढाई साल पूर्ण होने के बाद अब तक जिले के वनांचल क्षेत्र में विकास की गति कछुआ चाल से ही चल रही है। शासन आदिम जनजातियों सहित वनाँचल क्षेत्र के विकास के लिये अनेक कार्य व योजनाएं संचालित हो रही है परंतु अब तक यह जमीनी स्तर पर विकास का स्वप्न अधूरा है। जानकारी अनुसार छुईखदान परियोजना अंतर्गत ग्राम तुमड़ादाह का हाल भी कुछ ऐसा ही है जहां अब तक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित नहीं हो पाया जिससे बच्चों के सर्वांगीण व बुनियादी विकास पर असर देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि
लगभग 6 महीने यहां पर मौखिक रूप से आदेश मिलने पर आंगनबाड़ी का संचालन हो गया जिसमें कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को परियोजना अधिकारी द्वारा महिला को बहला फुसला कर आंगनबाड़ी संचालित कराया गया। आंगनबाड़ी का संचालन करने वाली महिला यहाँ आने वाले बच्चों को 6 महीने तक अपने रुपयों से गर्म भोजन खिलाती रही और यहीं नहीं शासन के पोषण टेकर ऐप में भी काम लिया गया। परियोजना अधिकारी द्वारा महिला को आश्वाशन दिया गया था कि आचार संहिता के बाद आपकी नियुक्ति हो जाएगी परंतु वहां शासन के आदेशानुसार कोई भी आंगनबाड़ी के लिए प्रस्ताव या पत्र अब तक जारी नहीं हुआ। ध्यानाकर्षण हो कि यहां आंगनबाड़ी का प्रस्ताव ही नहीं मिला था और महिला बाल विकास द्वारा यहां पर शासकीय कार्यक्रम भी कराया गया तथा आदिवासी महिला से कार्य लेकर वेतन भी नहीं दिया गया जिससे यह भी स्पष्ट होता है की महिला बाल विकास विभाग जनजातीय महिलाओं के साथ छलावा करने से भी नहीं चूक रही। मामले को लेकर आंगनबाड़ी में बतौर कार्यकर्ता काम करने वाली महिला का कहना है कि अब विभाग उनसे काम लेने और बच्चों के भोजन के लिए निजी राशि खर्च कराने के बाद अब बहाने बाजी कर रहा है वहीं क्षेत्र में पदस्थ पर्यवेक्षक खेमिन धुर्वे का कहना है कि आंगनबाड़ी में गांव की एक महिला से लगभग दो माह काम लिया गया था और बच्चों के भोजन की व्यवस्था समूह द्वारा कराई गई थी। ज्ञात हो कि
कुछ दिनों पहले तुमड़ादाह में प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक एवं स्कूल की दयनीय स्थिति पर खबर का प्रकाशन किया था जिस पर अब तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि वनांचल क्षेत्र के विकास एवं शिक्षा के लिये प्रशासन कितना संवेदनशील है।

आंगनबाड़ी का संचालन मौखिक आदेश से किया गया था अधिक जानकारी लिखित पत्र या दस्तावेज देखकर ही बता पाऊंगा।

पीआर खुटेल, डीपीओ महिला बाल विकास केसीजी

Satyamev News

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