ग्राम पंचायत पांडादाह में अविश्वास प्रस्ताव के बाद सरपंच मनोरमा संजय यदु को हटाया गया
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. पांड़ादाह पंचायत में मनमानी और राशि निकालने के बाद भी भवन निर्माण नहीं कराने के आरोपों से घिरी पाड़ादाह सरपंच मनोरमा संजय यदु की कुर्सी आखिरकार छिन गई। अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद सरपंच मनोरमा यदु को हटा दिया गया है। पंचायत के 16 से अधिक पंचों ने इसी माह 3 जून को एसडीएम के समक्ष उपस्थित होकर सरपंच यदु के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ज्ञापन सौंपा था। मामले में एसडीएम ने जांच के आदेश भी दिये थे मामलें में जांच पूरी होने के बाद एसडीएम टंकेश्वर साहू ने पांडादाह पंचायत में सरपंच सहित सभी पंचों को अविश्वास प्रस्ताव की तिथि 21 जून को तय करते हुये इसकी सूचना भेजी थी। शुक्रवार को निर्धारित समय पर अविश्वास प्रस्ताव के लिये नायब तहसीलदार मोहन झारिया को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था। निर्धारित समय पर इसके लिये कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सरपंच मनोरमा यदु सहित एक पंच अनुपस्थित रहे। बाकी उपस्थित पंचों के सामने अविश्वास प्रस्ताव पूरा हुआ। प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू करते हुये मतदान कराया गया। इसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 16 और सरपंच के पक्ष में एक ही मत पड़ा। पंचायत में कुल 19 पदाधिकारी हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान और मतगणना के बाद पीठासीन अधिकारी नायब तहसीलदार मोहन झारिया ने परिणामों की घोषणा की और सरपंच मनोरमा यदु के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने की जानकारी दी। पंचों ने बताया कि सरपंच मनोरमा यदु द्वारा पंचायत के कार्यों में मनमानी कर इसकी जानकारी किसी भी पंच को नहीं देने, निर्माण कार्यों की जानकारी नहीं देने, भवन निर्माण के लिये कई माह पहले निकाली गई 4 लाख की राशि के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं करने, पंचायत में नियमित उपस्थित नहीं होने जैसी शिकायतें थीं। कई बार विभिन्न बैठकों में इसको लेकर बहस भी हो चुकी थी लेकिन सरपंच द्वारा इसमें सुधार लाने का प्रयास नहीं किया गया जिसके चलते पंचायत के पंच अपने आप को ठगा महसूस कर एसडीएम को अविश्वास प्रस्ताव लाने आवेदन किया था और अंततः सरपंच को हटा दिया गया।