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गौवंश को राज्य-माता का दर्जा देने कलेक्ट्रेट पहुंचे सैकड़ों गौ-सेवक

सत्यमेव न्यूज के लिए मनोहर सेन खैरागढ़। छत्तीसगढ़ में गौवंश को संवैधानिक रूप से राज्य-माता घोषित करने और अलग गौ मंत्रालय की स्थापना की मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों गौसेवक व गो-प्रेमी सहित सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस आंदोलन का नेतृत्व स्वामी ज्योतिर्मयानंद डंडी स्वामी ने किया। जय स्तंभ चौक से रैली निकालकर पहुंचे गौसेवक गौ माता को राज्यमाता घोषित करो गौ हत्या बंद करो और गौ हत्यारों को फांसी दो जैसे नारे लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल अन्य कार्यक्रम में व्यस्त थे जिससे पहले आंदोलनकारियों को एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपने का आग्रह किया गया लेकिन वे कलेक्टर से ही मुलाकात पर अड़े रहे।

करीब आधे घंटे नारेबाजी के बाद उन्हें कलेक्टर कार्यालय बुलाया गया और मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगें
गौवंश को राज्यमाता का दर्जा और अलग गौ मंत्रालय की स्थापना। गौ हत्या व तस्करी पर मृत्युदंड तक का प्रावधान। पशु, मवेशी जैसे संबोधनों को दंडनीय अपराध घोषित किया जाए। सड़कों पर भटकते गौवंश की पुनर्स्थापना और पारदर्शी खरीद-नीति। प्रत्येक 10 गांवों के समूह में बड़े गौ अभ्यारण्य गोधाम का निर्माण। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और उत्पादों का उचित मूल्य। हर जिले में निगरानी कमेटी और 50 मील पर 24×7 गौ-चिकित्सालय। गौ-संबंधित यौन शोषण को मानवों जैसी कानूनी सुरक्षा।
उपेक्षा का आरोप और आंदोलन की चेतावनी गौसेवकों ने आरोप लगाया कि 1 अगस्त से 31 अगस्त तक मुख्यमंत्री को 5 लाख से अधिक पत्र भेजे गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि 1 सितंबर तक मांगें पूरी नहीं हुई तो राज्यव्यापी बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। कलेक्टर श्री चंद्रवाल ने आंदोलनकारियों से चर्चा कर आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

Satyamev News

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