गातापार स्कूल में चल रहे शिक्षकों के लगातार विवाद को लेकर प्राचार्य व शिक्षिका पहुंची कलेक्ट्रेट

शिक्षिकाओं ने कलेक्टर से कहा मानसिक प्रताडऩा सहने की क्षमता नहीं अन्यत्र विद्यालय में कर दिया जाये स्थानांतरण

जिलाधीश को ज्ञापन सौंप विद्यालय की समस्याओं से कराया अवगत

शिक्षिकाओं ने कहा बेबुनियाद आरोपों से छवि धुमिल करने हो रहा प्रयास

कतिपय पुरूष शिक्षकों की गुटबाजी से विद्यालय की व्यवस्था हो रही चौपट

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिले के अंतिम छोर पर वनांचल में बसे गातापार स्कूल में शिक्षकों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार विवाद की स्थिति से तंग आकर संस्था की प्राचार्य व शिक्षिका ने कलेक्टे्रट पहुंचकर जिलाधीश से विद्यालय की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुये लिखित दस्तावेज सौंपे वहीं कतिपय पुरूष शिक्षकों की गुटबाजी से चौपट हो रही विद्यालय की व्यवस्था तथा बेबुनियाद आरोपों से तंग आकर शिक्षिकाओं ने जिलाधीश से कहा है कि अब उनमें मानसिक प्रताडऩा सहने की क्षमता नहीं है इसलिये अन्यत्र विद्यालय में उनका ही स्थानांतरण कर दिया जाये. सोमवार को विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य ममता अग्रवाल व व्याख्याता (एलबी) श्रीमती रेणु मालवीय ने जिलाधीश डॉ.जगदीश सोनकर से मुलाकात कर विद्यालय की वस्तु स्थिति से उन्हें अवगत कराया वहीं विद्यालय के व्यवस्था व अध्ययन-अध्यापन में सहयोग नहीं करने वाले शिक्षकों की लिखित दस्तावेजों के जरिये जानकारी दी.

पुरूष शिक्षकों पर मनमानी व काम नहीं करने का आरोप

प्रभारी प्राचार्य ने जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में बताया कि पिछले साल जुलाई माह में अकारण शिक्षकों के वेतन रोकने का उन पर आरोप लगाया गया है जबकि विद्यालय में पदस्थ कुछ शिक्षक अकारण विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं जिसकी लिखित में जानकारी शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को दी गई है तथा विद्यालय के व्हाट्सअप गु्रप में शिक्षकों की अनुपस्थिति को लेकर हुई बातचीत का भी प्रमाण दिया गया है वहीं दूसरी ओर विद्यालय में पदस्थ पांच पुरूष शिक्षकों के द्वारा उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर नहीं किया गया है. पूर्व में अनुपस्थिति के बाद भी शिक्षकों द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर उपस्थिति बताई जाती रही है तथा उपस्थिति पंजी में अनावश्यक छेड़छाड़ कर काटछांट भी की गई है जिसकी शिकायत भी जिला शिक्षा अधिकारी को की गई थी वहीं विद्यालय में पदस्थ कुछ शिक्षकों द्वारा व्यवस्था में भी सहयोग नहीं किया जा रहा है तथा विद्यालय में विभिन्न विभागों के कार्यों के विभाजन को लेकर शिक्षकों द्वारा दायित्व लेने से इनकार कर दिया जाता है. सुश्री अग्रवाल ने बताया कि लगातार एक महीने से विवाद के कारण विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और जानबूझकर शिक्षक की गरिमा को धुमिल किया जा रहा है.

दशक बीत गया पर नहीं हो पायी है पूर्णकालीक प्राचार्य की पदस्थापना

विद्यालय में व्याप्त समस्याओं को लेकर एक तथ्य यह भी है कि यहां अब तक किसी प्राचार्य की पूर्णकालीक व्यवस्था नहीं हो पायी है और प्रभारी प्राचार्य के भरोसे ही विद्यालय की व्यवस्था वर्षों से चलती आ रही है. गौरतलब है कि वनांचल के सुदूर इलाके में स्थित ग्राम गातापार जंगल में संचालित हाई स्कूल व हायर सेकेंड्री स्कूल में पूरे एक दशक बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन अब तक एक अदद पूर्णकालीक प्राचार्य की पदस्थापना नहीं कर पायी है या यूं कहें कि खैरागढ़ मुख्यालय से लगभग 24 किमी दूर वनांचल के सुदूर इलाके में कोई भी प्राचार्य जाना नहीं चाहता. ऐसे में प्रभारी प्राचार्य को लेकर समान पद में कार्य कर रहे शिक्षक निरंतर गुटबाजी करते हैं और लगातार आदेशों की अव्हेलना के कारण यहां विवाद की स्थिति निर्मित होती आ रही है और विवाद की स्थिति के कारण वनांचल के छात्र-छात्राओं का अध्ययन-अध्यापन कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. दूसरी ओर महिला शिक्षकों पर लग रहे लगातार विवाद के कारण न केवल वनांचल की अपितु शिक्षा विभाग की भी छवि को वहीं के शिक्षकों द्वारा धुमिल किया जा रहा है. इन परिस्थितियों को लेकर प्रभारी प्राचार्य डॉ.ममता अग्रवाल व शिक्षिका श्रीमती रेणु मालवीय ने जिलाधीश से अन्यत्र विद्यालय में स्थानांतरण की मांग भी की है. शिक्षिकाओं की समस्या सुन जिलाधीश ने मामले की जांच करवाकर न्यायपूर्वक कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

पुरूष शिक्षकों की गुटबाजी से भयभीत हूं- डॉ.ममता अग्रवाल

जिलाधीश को सौंपे गये शिकायत में विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ.ममता अग्रवाल ने कहा है कि महिला शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाकर छवि खराब करने एवं उन्हें अपमानित करने की लगातार कोशिश की जा रही है. ऐसे में शिक्षक पद की गरिमा व पारिवारिक तथा सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रभावित हो रही है और वे मानसिक पीड़ा के दौर से गुजर रही हैं. पुरूषों की गुटबाजी के कारण भय का वातावरण है तथा सुदूर वनांचल में विद्यालय आवागमन के दौरान दुर्घटना का भय व आशंका भी भयभीत करने लगी है.

षडय़ंत्र के तहत घसीटा जा रहा नाम- रेणु मालवीय

दूसरी ओर शिक्षिका रेणु मालवीय ने भी लिखित में जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि षडय़ंत्र के तहत जानबूझकर उनका नाम घसीटा जा रहा है जबकि कोरोना काल के पूर्व विद्यालय की अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था बेहतरीन थी और छात्रों का बोर्ड परीक्षाओं में प्रदर्शन शानदार रहा जिसके लिये पूर्व में जिलाधीश से संस्था को पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं लेकिन वर्तमान में विद्यालय में चल रहे षडय़ंत्र के कारण वह मानसिक रूप से पीडि़त हैं तथा बालिका की एकल अभिभावक होने के कारण डर व बेवजह अपमानजनक स्थिति का सामना कर रही हैं. ऐसे में शिक्षिका ने जिलाधीश से अन्यत्र विद्यालय में स्थानांतरण की मांग करते हुये न्याय करने गुहार लगाई है.

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