महिला शिक्षिकाओं को बदनाम कर स्कूल से बाहर करने की हो रही साजिश
खींचतान व महत्वाकांक्षा के कारण भोलेभाले ग्रामीणों को बनाया जा रहा मोहरा
मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी की भी भूमिका बनी संदेहास्पद
शिक्षिकाओं के बचाव में उतरी शाला विकास समिति व छात्र-छात्राएं
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ब्लॉक के अंतिम छोर पर स्थित गातापार जंगल के शासकीय हायर सेकेंड्री स्कूल में कतिपय पुरूष शिक्षकों के कारण महिला शिक्षिकाएं अनावश्यक षडय़ंत्र का शिकार बन रही हैं. बताया जा रहा है कि महिला शिक्षिकाओं को बदनाम कर स्कूल से उन्हें बाहर करने की साजिश हो रही है जबकि विद्यालय में आपसी खींचतान व महत्वाकांक्षा के कारण विवाद की स्थिति निर्मित हुई है और इसके चलते भोलेभाले ग्रामीणों को भी मोहरा बनाया जा रहा है. ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व विद्यालय में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य डॉ.ममता अग्रवाल और शिक्षिका रेणु मालवीय के विरूद्ध कतिपय ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया कि ये शिक्षिकाएं नियमित रूप से विद्यालय नहीं आती और आपसी सांठगांठ के कारण विद्यालय में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिसे लेकर विकासखंड शिक्षा कार्यालय से बिना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की अनुमति से जांच भी शुरू कर दी गई और आनन-फानन में शिक्षा अधिकारी द्वारा अभिमत भी दिया गया है कि ग्रामीणों के विरोध के कारण शिक्षिकाओं का अन्यत्र स्थानांतरण किया जाना चाहिये जबकि शिक्षिकाओं पर लगे आरोप पूर्वाग्रह व षडय़ंत्र से भरे हुये हैं वहीं वनांचल में स्थित उक्त विद्यालय में बेहतर अध्ययन-अध्यापन के लिये पूर्व में जिलाधीश द्वारा उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के लिये प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हो चुका है. केवल कोरोना काल के कारण बीते दो वर्षों में यहां अध्यापन व्यवस्था अन्य शासकीय स्कूलों की तरह बेहतर नहीं रही है.
मामले को लेकर प्रभारी प्राचार्य ममता अग्रवाल ने बताया कि वे विगत 11 वर्षों से विद्यालय में पदस्थ हैं और विगत 6 वर्षों से प्रभारी प्राचार्य के पद पर अपने दायित्व की पूर्ति कर रही हैं. कुछ ग्रामीणों की आड़ में बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है वहीं शिक्षिका रेणु मालवीय ने बताया कि वह विगत 11 वर्षों से विद्यालय में समर्पित भाव से अपनी सेवाएं दे रही है लेकिन कुछ ग्रामीणों की आड़ में उनके नाम से की गई शिकायत को लेकर वे अचंभित हैं. विद्यालय में वरिष्ठता क्रम में उनका नाम तीसरे नंबर पर है, दूसरे नंबर पर श्रीमती मंजू साहू हैं जिन्होंने पूर्व में लिखित में द्वितीय प्रभारी पद धारण करने से मना कर दिया था इसलिये प्रभारी प्राचार्य की अनुपस्थिति में मुझे प्रभार लेना पड़ता है. बताया जा रहा है कि विद्यालय में कुल 11 शिक्षक पदस्थ हैं जिनमें 5 महिला शिक्षिकाएं व 6 पुरूष शिक्षक कार्यरत हैं, कुछ महत्वाकांक्षी पुरूष शिक्षकों के कारण यहां आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति निर्मित हुई है.
शाला विकास समिति उतरी बचाव में
मामले को लेकर विद्यालय में शासन की ओर से संचालित शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष रामअवतार ने बताया कि दोनों शिक्षिकाओं ममता अग्रवाल एवं रेणु मालवीय पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं, शिक्षिकाएं प्रतिदिन स्कूल आती हैं और अपना काम सेवाभाव से कर रही हैं. अध्यक्ष ने बताया कि वे स्वयं अभिभावक हैं और उनके दो बच् चें विद्यालय में अध्ययनरत हैं जबकि शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच अथवा किसी भी तरह की कार्यवाही को लेकर समिति को कोई सूचना नहीं दी गई और एकतरफा साजिश के तहत दोनों शिक्षिकाओं को स्कूल से बाहर करने षडय़ंत्र रचा जा रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस नेता फुदुकराम वर्मा ने बताया कि गुरूवार को मामले की जानकारी विधायक महोदय को भी दी गई है साथ ही स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने भी शिक्षिकाओं की कार्यप्रणाली का समर्थन किया है.
शिक्षा अधिकारी की भी भूमिका संदेहास्पद
पूरे मामले में बताया जा रहा है कि विकासखंड के एक बड़े शिक्षा अधिकारी की भूमिका भी संदेहास्पद है, दरअसल यहां पदस्थ एक वरिष्ठ शिक्षक और शिक्षा अधिकारी का पुराना याराना है और दोनों संध्याकालीन टेबल पार्टनर बताये जाते हैं तथा इसी याराने के कारण एक पुरूष शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने महिला शिक्षिकाओं को बदनाम करने साजिश रची जा रही है और बगैर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की जानकारी के जांच शिकायत की जा रही है.
मेरे द्वारा विद्यालय में जांच की गई है, छात्रों द्वारा महिला शिक्षिकाओं के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है वहीं शिकायत आपसी सामंजस्य के अभाव का परिणाम भी हो सकता है.
अमरिका देवांगन, एबीईओ खैरागढ़
जानबूझकर षडय़ंत्र के तहत भोलेभाले ग्रामीणों को मोहरा बनाकर शिकायत की गई है जो बेबुनियाद है. मामले को लेकर विधायक महोदय को भी जानकारी देकर अवगत कराया गया है.