अज्ञात लोगों ने लगाई झोपड़ी में आग
पीड़ित गरीब के पास खुद की जमीन भी नहीं
दिमाग रूप से कमजोर है पीड़ित नीर बाई
फटी साड़ी, पाॅलिथीन, बांस, कचरे आदि से बने झोपड़ी में रहते थे पीड़ित
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ब्लाक के जुरलाकला में सोमवार को एक दर्दनाक घटना घटी जिसमें एक गरीब की झोपड़ी जलकर खाक हो गई. जानकारी अनुसार जुरलाकला निवासी नीरबाई पति सोनू मातरे की घर को किसी अज्ञात आरोपी द्वारा घर को आग लगा दिया जिससे पूरे घर जलकर राख हो गया हैं. पीड़ित नीर बाई अपने पति सोनू मातरे और 3 साल की बच्ची मिनाक्षी के साथ जुरलाकला प्रवेश द्वार के पास खराब साड़ी, पाॅलिथीन, बांस, कचरे आदि से जुगत लगाकर बनाए गए झोपड़ीनुमा अपने आशियाने में निवास करते थे. बताया जा रहा हैं कि 25 दिसम्बर सोमवार को नीरबाई अपने पूरे परिवार के साथ जुरलाकला से लगे ग्राम कलकसा में मड़ई देखने गया थे और कलकसा में रात में नाचा का कार्यक्रम होने की वजह से पूरे परिवार के साथ वहीं रूक गया. जब रात को गांव के मिथलेश सतनामी ने नीर बाई के घर को जलते हुए देख तो उन्होने गांव वालों को सूचना दी. रात होने की वजह से लोग नहीं उठ पायें जब सुबह लोग उठें तब तक नीर बाई की झोपड़ी जलकर खाक हो चुकी थी. सुबह गांव के सरपंच ग्राम पटेल और कोतवाल द्वारा नीर बाई को पूरी घटना की जानकरी दी साथ ही खैरागढ़ पुलिस को पूरी घटना को लिखित जानकारी दी गई हैं.हाड कपा देने वाली ठंड में सरकारी भवन में रहनें को मजबूर पीड़ित महिला का परिवारपीड़ित नीर बाई और उसके पति सोनू मातरे आस पास के गांव में मांग (भिक्षाटन) कर अपना जीवन यापन करते हैं. पीड़ित के पास घर भी नहीं हैं वह खराब साड़ी, पाॅलिथीन, बांस, कचरे से मिलकर बनाए छोटे से झोपड़ी में रहती थी. जिसे भी अज्ञात लोगों द्वारा जला दिया गया हैं, अब नीर बाई के परिवार के पास रहने लाये जगह भी नहीं हैं गांव वालों ने मानवता दिखाते हुए गांव के सामुदायिक भवन को अस्थाई तौर पर रहने की मानवीय अनुमति दी हैं. आग से आशियाना उजड़ने के बाद अब राशन की समस्याझोपड़ी में आग लगने से गरीब परिवार को राशन की समस्या आ पड़ी है झोपड़ी में रखें चावल, दाल व सब्जी सहित कपड़े जलकर खाक हो चुके हैं जिसे परिवार को आर्थिक व खाद्य सामग्री का नुकसान हुआ है. गांव वालों ने पटवारी को बुलाकर पंचनामा बनवाया गया है.पीड़ित परिवार ने की प्रशासन और समाजसेवियों से अपीलगांव वालो ने बताया की नीरबाई और उसके पति दिमाग से कमजोर होने की वजह से मांग कर जीवन यापन करते हैं. नीर बाई के पास वोटर आईडी भी नहीं हैं. सरपंच ने बताया कि मेरे द्वारा नीर बाई और उसके परिवार वालों का आधार कार्ड बनाया गया था लेकिन वह भी झोपड़ी में जलकर खाक हो गया. पीड़ित द्वारा जिला प्रशासन और समाजसेवियों से आर्थिक मदद की अपील की हैं.