केसीजी जिले में जिलाध्यक्ष पद की दौड़ तेज़, दावेदारों ने शक्ति प्रदर्शन कर पर्यवेक्षक के होश उड़ाए

सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी छुईखदान। कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में नए जिला कांग्रेस अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया जोर पकड़ चुकी है। छुईखदान में आयोजित वन-टू-वन कार्यक्रम में दावेदारों ने न केवल अपनी दावेदारी पेश की बल्कि समर्थकों की भीड़ के साथ जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन कर पर्यवेक्षक के सामने अपनी मजबूती का एहसास कराया।

केंद्रीय पर्यवेक्षक चरणजीत सिंह सपरा के नेतृत्व में आयोजित इस प्रक्रिया में सह-पर्यवेक्षक एवं कसडोल विधायक संदीप साहू तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद खान विशेष रूप से मौजूद रहे। सुबह 11.30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत में श्री सपरा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया और मापदंड साझा किए। इसके बाद उन्होंने दावेदारों से एक-एक कर पंद्रह-पंद्रह मिनट की व्यक्तिगत बातचीत की।

वन-टू-वन चर्चा के दौरान प्रत्येक दावेदार से पर्यवेक्षक ने उनकी शैक्षणिक योग्यता, राजनीतिक अनुभव, पार्टी में योगदान और यहां तक कि क्राइम रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारी भी प्राप्त की। कार्यक्रम के बाद पर्यवेक्षक दल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बल दिया।

चर्चा के क्रम में खैरागढ़ विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, पूर्व विधायक गिरवर जंघेल और भुवनेश्वर बघेल सहित कांग्रेस संगठन के मुख्य पदाधिकारियों व सक्रिय कार्यकर्ताओं से भी विस्तृत संवाद किया गया। यह सिलसिला दोपहर से शाम 4 बजे तक चलता रहा।

इस प्रक्रिया में सबसे ज्यादा दावेदार खैरागढ़ क्षेत्र से रहे। इनमें मनराखन देवांगन, सुनीलकांत पांडे, मिहिर झा, कन्हैया बैस, अशोक साहू के नाम प्रमुख हैं।
छुईखदान से हेमंत वैष्णव, गंडई से विनोद ताम्रकार, भिज्ञेश यादव, रंजीत चंदेल और मुढ़ीपार से कोमल साहू सहित कई नेताओं ने भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की।

दिनभर दावेदार समर्थकों के साथ पर्यवेक्षक के इर्द-गिर्द मंडराते रहे। कुछ ने समर्थकों की भीड़ जुटाकर अपनी जनस्वीकृति और संगठन में प्रभाव का प्रदर्शन किया। इससे न केवल चयन प्रक्रिया में सरगर्मी बढ़ी बल्कि पर्यवेक्षक सपरा को दावेदारों की लोकप्रियता का भी अंदाजा हुआ।

कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद पर्यवेक्षक सपरा भोजन कर दल सहित रायपुर लौट गए। अब जिला अध्यक्ष चयन की अंतिम जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व पर है।
राजनीतिक गलियारों में इस चयन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आखिर कांग्रेस आलाकमान किस दावेदार के सिर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का ताज सजाएगा।

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