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राजनांदगांव

कामठा मिडिल स्कूल के मध्यान्ह भोजन में निकला कांच का टुकड़ा

दहशत में छात्र नहीं कर रहे भोजन

स्कूल में सफाई व्यवस्था बदहाल

छात्रों की सेहत से हो रहा खिलवाड़

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ब्लॉक के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कामठा में मध्यान्ह भोजन में कांच का टुकड़ा निकलने का मामला सामने आया है. मध्यान्ह भोजन के संचालक एवं प्रधान पाठक के लापरवाही के चलते बच्चों के मध्यान्ह भोजन में लगातार गड़बड़ी देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि बीते एक सप्ताह से लगातार इस तरह की घटना घट रही है जिससे बच्चों सहित पालकों में दहशत का माहौल है. शनिवार को शिक्षकों द्वारा मध्यान्ह भोजन का जांच किया गया जहां कांच के टुकड़े पाये गये. ज्ञात हो कि मध्यान भोजन में मिड-डे मिल 15 अगस्त 1995 के अनुसार सभी शाला में बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाना है परंतु कामठा स्कूल में पढऩे वाले 167 बच्चों को मेन्यू के अनुसार किसी भी प्रकार का पौष्टिक आहार नहीं दिया जा रहा है. बच् चों का कहना है कि शाला में इस प्रकार की समस्या बीते सप्ताहभर से चल रहा है जहां कभी कीड़ा निकलता है तो कभी खाने में कांच का टुकड़ा निकल रहा है. बच्चें अगर धोखे से कांच का टुकड़ा खा लेते तो उनकी हालत भी गंभीर हो सकती थी, ऐसी लापरवाही मध्यान्ह भोजन के संचालक द्वारा किया जा रहा है. बच्चों ने बताया कि समस्या के बारे में शिक्षकों को बताने पर बच्चों को उल्टा डांट दिया जाता है जिसके कारण छात्र यह बात शिक्षकों को बताई लेकिन शिक्षकों के कारण बच्चों ने खाना खा लिया. मामले को लेकर प्रधान पाठक का कहना है कि हम एक दिन में एक ही बार खाना खिलाएंगे, चाहे कीड़ा निकले या और कुछ निकल जाये, दोबरा खाना नहीं बनाते. प्रधान पाठक द्वारा छात्रों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना बच्चों के भविष्य के लिये खतरा साबित हो सकता है.

मेन्यू के हिसाब से नहीं बन रहा भोजन

शासन द्वारा मध्यान्ह भोजन के लिये मेन्यू तैयार किया गया है जिसमें बच् चों की सेहत को देखते हुये पौष्टिक आहार दिया जाना है लेकिन कामठा मिडिल स्कूल में मध्यान्ह भोजन संचालन में लगातार गड़बड़ी की जा रही है. सरकार प्रति बच् चों के हिसाब से मध्यान्ह भोजन संचालक को राशि भी प्रदान कर रही है उसके बवजूद प्रचार्य व संचालक की मिलीभगत से कांटामारी की जा रही है जिससे छात्रों के सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है. निरीक्षण में नहीं पहुंचते शिक्षा अधिकारी
बता दे कि शिक्षा अधिकारी भी मध्यान्ह भोजन सहित स्कूलों की व्यवस्था देखने निरीक्षण में नहीं पहुंचते हैं जिसका फायदा उठाकर प्राचार्य सहित मध्यान्ह भोजन संचालक मनमानी कर बच् चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं. नियमत: स्कूल के शिक्षकों को मध्यान्ह भोजन का खाना टेस्ट करना है जिसके बाद छात्रों को खिलाना है लेकिन शिक्षकों की भी लापरवाही के चलते छात्र गंदा खाना खाने मजबूर रहते हैं.

भोजन में कांच निकलने के बाद मध्यान्ह भोजन संचालक को सुधार के लिये निर्देश दिया गया है.

अशोक वर्मा, प्रधान पाठक मिडिल स्कूल कामठा

मध्यान्ह भोजन में कांच निकलने की बात अफवाह है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

महेश भुआर्य, बीईओ खैरागढ़

Satyamev News

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