कांग्रेस-भाजपा के बागी प्रत्याशी लगा रहे शीर्ष नेताओं की तस्वीर, मतदाताओं में असमंजस की स्थिति निर्मित

बागी प्रत्याशियों के कारण बिगड़ रहा राष्ट्रीय दलों के वोटों का समीकरण
सत्तारूढ़ भाजपा से अधिक कांग्रेस में बागी उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बागी प्रत्याशियों के द्वारा शीर्ष नेताओं की तस्वीर बैनर-पोस्टर में लगाने के कारण मतदाताओं के बीच असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है। राष्ट्रीय दल के अधिकृत प्रत्याशियों सहित टिकट की आस लेकर चुनावी मैदान में उतरे बागी प्रत्याशियों के द्वारा भी अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल लगातार चुनावी प्रचार-प्रसार में किया जा रहा है जिससे मतदाता असमंजस की स्थिति में हैं और ऐसी स्थिति में वोटों का समीकरण बिगड़ना लगभग तय है। नवगठित जिला पंचायत में 10 सीटों पर चुनाव होना है जिसके लिये 48 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, इन 10 सीटों में कुछ सीट ऐसे हैं जहां कांग्रेस व भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी शामिल हैं और आश्चर्य की बात पिया है कि ये बागी प्रत्याशी स्वयं की पार्टी से अधिकृत प्रत्याशियों को ही चुनौती दे रहे हैं, ऐसे में इन सीटों में मुकाबला और अधिक रोमांचक हो गया है। जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का वितरण होने के बाद अब चुनाव की स्थिति स्पष्ट हो गई है। पंचायत क्षेत्र क्र.05 उदयपुर में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी कामदेव जंघेल के साथ ही पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गुलशन तिवारी भी अपने बैनर-पोस्टर में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की तस्वीर लगाकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसी तरह क्षेत्र क्र.06 पांडादाह में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी लीलाधर वर्मा तथा बागी प्रत्याशी विप्लव साहू एवं क्षेत्र क्र.09 जालबांधा में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी दशमत जंघेल के साथ स्व.देवव्रत सिंह की पुत्री शताक्षी सिंह कांग्रेस पार्टी के बैनर तले चुनावी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। मुढ़ीपार जिपं क्षेत्र में भाजपा की भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी लिमेश्वरी साहू के विरूद्ध में भाजपा पार्टी से टिकट की दावेदार रही अरूणा राजू सिंह बनाफर, रेखा देवदास व वंदना वर्मा भी बागी होकर अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को चुनौती दे रही हैं। इन क्षेत्रों में बागी प्रत्याशियों के चलते किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशियों को फायदा पहुंचने की संभावना बनी हुई है। अब देखना होगी कि चुनावी मैदान में कौन किसे पछाड़ता है और अपनी जीत सुनिश्चित करता है।