इस 10 दिन होगी शारदीय नवरात्र

शास्त्रों के मुताबिक गज पर सवार होकर आएंगी माता
ज्योतिषों ने कहा अनेक शुभ संयोग रहेंगे विद्यमान
सत्यमेव न्यूज़ के लिए आकाश तिवारी। इस वर्ष शारदीय नवरात्र का पर्व विशेष संयोग लेकर आ रहा है। सामान्यतः नवरात्र नौ दिन का होता है लेकिन इस बार यह उत्सव दस दिन तक मनाया जाएगा।
2 दिन की होगी चतुर्थी
नवरात्र में इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। 25 और 26 सितंबर दोनों दिन चतुर्थी तिथि रहेगी। इस कारण श्रद्धालुओं को मां दुर्गा की उपासना का एक अतिरिक्त दिन प्राप्त होगा। नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर (रविवार) से होगा और समापन 2 अक्टूबर को महानवमी व दशहरा (विजयादशमी) के साथ होगा।

गज पर सवारी- सुख-समृद्धि का संकेत
नवरात्र का आरंभ इस बार पितृपक्ष की समाप्ति के बाद हो रहा है। मान्यता है कि जब नवरात्र में देवी का आगमन गज (हाथी) पर होता है तो यह सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है वहीं अश्व (घोड़े) पर सवारी होने पर वर्ष अशांत होता है। इस बार माता रानी के गज पर आगमन से अच्छी वर्षा और कृषि क्षेत्र में उन्नति के योग बन रहे हैं।
पितृपक्ष के साथ नवरात्र का अद्भुत संयोग
इस वर्ष पितृपक्ष की अवधि 16 की बजाय 15 दिन की रही है वहीं सप्तमी अष्टमी और नवमी का एक साथ पड़ना इस बार के नवरात्र को और खास बना रहा है। यही कारण है कि नवरात्र का पर्व इस बार दस दिन तक चलेगा साथ ही इस बार नवरात्र में कई विशेष संयोग बन रहे हैं जैसे:-
गज आगमन: सुख और समृद्धि का प्रतीक।
शुक्ल योग: धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उत्तम।
चतुर्थी दो दिन: नवरात्र का विस्तार दस दिनों तक।
खगोलविदों के अनुसार 22 सितंबर को दोपहर 11:55 बजे के बाद हस्त नक्षत्र रहेगा जिसे शुभता और मंगल कार्यों का प्रतीक माना जाता है। इस प्रकार इस बार का शारदीय नवरात्र न केवल दस दिनों तक चलेगा बल्कि विशेष योग और संयोग के कारण यह भक्तों के लिए अत्यंत शुभकारी और मंगलकारी रहेगा।