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आवारा मवेशियों के प्रबंधन को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में आवारा मवेशियों से उत्पन्न हो रही समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारी एवं गौसेवा से जुड़े समाजसेवी उपस्थित रहे। बैठक में समाजसेवी लाल टारकेश्वर ख़ुसरो, भागवत शरण सिंह, जिला पंचायत सीईओ, एडिशनल एसपी, एसडीएम, पशु चिकित्सा अधिकारी, जनपद सीईओ और सीएमओ सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान के लिये कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्रत्येक ग्राम में चरवाहा रखने की व्यवस्था की जा रही है और रात के समय मवेशियों को घरों में बांधकर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य ग्रामों से आवारा पशु छोड़ने वालों की निगरानी के लिए टीम सक्रिय की गई है। मुख्य सड़कों से पशुओं को हटाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कांजीहाउस को मरम्मत कर फिर से क्रियाशील बनाया जाएगा जहां इन मवेशियों को रखा जाएगा। साथ ही चारा दान एवं सार्वजनिक स्थलों पर अस्थायी आश्रय केंद्र बनाए जा रहे हैं। समाजसेवियों ने रखे सुझाव समाजसेवी भागवत शरण सिंह ने बताया कि खैरागढ़ में तीन गौशालाएं संचालित हैं जहां क्षमता अनुसार पशुओं को रखा गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों की घास भूमि और चारागाहों का उपयोग आवारा पशुओं के लिए किया जा सकता है वहीं लाल टारकेश्वर ख़ुसरो ने जानकारी दी कि गंडई में जनसहयोग से 100 से अधिक पशुओं की देखरेख की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ ग्रामीण रात में नगरीय क्षेत्रों में अपने मवेशी छोड़ देते हैं जिससे समस्या और बढ़ जाती है। कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
कलेक्टर चंद्रवाल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी एवं आवारा मवेशियों के तत्काल प्रबंधन के लिए ठोस कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि हर ग्राम में चरवाहा रखना अनिवार्य किया जाए। कांजीहाउस को शीघ्र क्रियाशील किया जाए। सीमावर्ती ग्रामों में पशु निगरानी समिति गठित की जाए। ग्राम सभाओं में पशु प्रबंधन अनिवार्य एजेंडा हो। आवारा मवेशियों की पहचान के लिए रेडियम टैग लगाया जाए।धान की पराली (पैरा) के भंडारण हेतु बेलिंग मशीन की व्यवस्था हो। खुले में मवेशी छोड़ने वालों को पहले समझाइश दी जाए उसके बाद भी सुधार नहीं होने पर जुर्माना लगाया जाए। पुलिस विभाग सतत गश्त करते हुए अन्य जिलों से पशु लाकर छोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।

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