कुलपति ममता चंद्राकर के खिलाफ अनशन के लिये सेवानिवृत्त शिक्षक ने मांगी कलेक्टर से अनुमति

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक ने खोला कुलपति के खिलाफ मोर्चा
कुलपति ममता चंद्राकर की नियुक्ति को असंवैधानिक बता पहले भी कर चुके हैं विरोध
कार्यवाही नहीं होने से शिकायतकर्ता ने शांतिपूर्ण अनशन (आंदोलन) की बनाई है योजना
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर लगातार आरोप व विरोध से घिरी पद्मश्री ममता (मोक्षदा) चंद्राकर की मुश्किल बढ़ने वाली है। पूर्व में कुलपति श्रीमती चंद्राकर की नियुक्ति को ही असंवैधानिक बताने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक बीआर यादव ने एक बार फिर कुलपति की नियुक्ति को असंवैधानिक बताकर मोर्चा खोला है। कलेक्टर को सौंपे गये अनुमति पत्र में श्री यादव ने आगामी 07 जून से कुलपति के विरूद्ध शांतिपूर्ण अनशन की अनुमति मांगी है। अनशन की अनुमति को लेकर संदर्भ प्रदर्शित करते हुये श्री यादव ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के रीट पीटिशन सिविल क्र. 1525 ऑफ 2019 के निर्णय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2018 के प्रावधान तथा विश्वविद्यालय के अध्यादेश 171 की धारा 7 व राजभवन द्वारा जारी विज्ञापन के आधार पर पात्रता के विपरीत श्रीमती मोक्षदा चंद्राकर की नियुक्ति से संबंधित राजभवन को कलेक्टर के माध्यम से प्रेषित शिकायत ज्ञापन के आधार पर वह शांतिपूर्ण अनशन करना चाहते हैं। अनशन को लेकर कलेक्टर को लिखे पत्र में श्री यादव ने आगे कहा है कि राज्यपाल के सचिव को पूर्व में कुलपति ममता चंद्राकर की नियुक्ति से संबंधित शिकायत प्रेषित की गई थी जिसमें इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर उनकी नियुक्ति को असंवैधानिक बताकर ममता चंद्राकर की कुलपति पद पर नियुक्ति को समाप्त किये जाने की मांग की गई थी वहीं कुलपति श्रीमती चंद्राकर द्वारा नियम विरूद्ध किये गये उल्लेखित समस्त कार्यवाहियां विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 10-6 के अंतर्गत अपास्त करने योग्य है साथ ही श्रीमती चंद्राकर के कार्यकाल की जांच विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 54 के अंतर्गत की जानी चाहिये। श्री यादव ने कुलपति श्रीमती चंद्राकर पर लगाये गये आरोपों को लेकर आगे कहा है कि श्रीमती चंद्राकर को 02.12.2023 के बाद राजकोष/विश्वविद्यालय कोष से वेतन स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिये तथा श्रीमती चंद्राकर को प्रदत्त विश्वविद्यालयीन प्रशासनिक शक्तियों को तत्काल प्रभाव से शून्य किया जाना चाहिये एवं आगामी आदेश तक कोई भी क्रय-विक्रय, निर्माण कार्य आदि पर भी रोक लगा दी जानी चाहिये। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में हुई कतिपय पदोन्नति की भी जांच बेहद आवश्यक है तथा छत्तीसगढ़ की गरिमा का प्रतीक इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के हित में तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक को नियमानुसार प्रभारी कुलपति नियुक्त कर नवीन कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करना चाहिये। उपरोक्त मांगों को लेकर श्री यादव ने कलेक्टर से अनशन करने की अनुमति मांगी है और इस संदर्भ में पत्र की प्रतिलिपि राज्यपाल के सचिव को भी प्रेषित की है।