आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 14 सूत्रीय मांगों को लेकर गरजा संयुक्त मंच, मुख्यमंत्री और महिला बाल विकास मंत्री को सौंपा ज्ञापन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघों के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी एकजुट होकर मंगलवार को राजधानी रायपुर पहुँचे। संयुक्त मंच के बैनर तले उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को अपनी 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।

कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने ज्ञापन लेते हुये भरोसा दिलाया कि भाजपा सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता और सहायिकाएं योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में अहम भूमिका निभा रही हैं। जल्द ही सभी मांगों पर विभागीय स्तर पर विचार किया जाएगा।

इन प्रमुख मांगों को लेकर सौंपे ज्ञापन

नियमितीकरण: 50 साल से मानसेवी के रूप में काम कर रही कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।, जीने लायक वेतन: कार्यकर्ता को ₹22,000 और सहायिका को ₹17,000 प्रतिमाह मानदेय मिले।, सेवानिवृत्ति लाभ: सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी की व्यवस्था हो, महंगाई भत्ता: बढ़ती महंगाई के अनुरूप वेतन में भत्ता जोड़ा जाए।, पदोन्नति में बाधा हटे: रिक्त पदों पर 50% प्रतिबंध हटाकर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति हो।,अनुकंपा नियुक्ति: आकस्मिक निधन पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।,बीमा योजना: भविष्य की सुरक्षा के लिए समूह बीमा योजना लागू हो।, केंद्र भवन किराया: ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1000 और शहरी क्षेत्र में ₹3000 किराया तय हो, समय पर मानदेय: हर महीने की 5 तारीख तक वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाये।, टीएचआर वितरण में सुधार: OTP प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए।, गैस-चूल्हा सुविधा: सभी केंद्रों को गैस सिलेंडर व चूल्हा उपलब्ध हो, नियमित रिफिलिंग हो।,एक कार्य का सिद्धांत: विभागीय कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्य न दिए जाये, ड्रेस कोड भत्ता: ड्रेस के साथ ₹500 धुलाई भत्ता मिले, गुणवत्तापूर्ण साड़ी दी जाए।, पदाधिकारियों पर कार्रवाई बंद हो: यूनियन प्रतिनिधियों पर की जा रही अनुचित कार्रवाई तुरंत रोकी जाये। संघ पदाधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग के उस आदेश पर नाराजगी जताई जिसमें हड़ताल, धरना व ज्ञापन देने पर यूनियन प्रतिनिधियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत प्रदर्शन और अपनी बात रखने का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है। ज्ञापन सौंपने के दौरान सरिता पाठक, रूखमणि सज्जन, सुधा रात्रे, हेमा भारती, कल्पना चंद, लता तिवारी, सौरा यादव, सुलेखा शर्मा, हाजरा खान और सीमा बड़ोई ज्ञापन सौंपने में शामिल रहीं।

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