
धरती आबा अभियान से ग्रामीणों को मिल रहा नया संबल
खैरागढ़. जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत संचालित “धरती आबा जनभागीदारी अभियान” के तहत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में विकास शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत नचनिया में इस ब्लॉक का प्रथम शिविर आयोजित हुआ। शिविर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत 10 हितग्राहियों को डबरी (कृषि तालाब) और कुआं निर्माण के लिए कुल 27.088 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति आदेशों का वितरण साल्हेवारा क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य हेमलता मंडावी द्वारा किया गया।
योजनाओं का लाभ पाकर खिले ग्रामीणों के चेहरे
शिविर में स्वीकृति आदेश पाकर ग्रामीणों के चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे। हितग्राही घासीराम धुर्वे ने बताया कि अब सिंचाई के लिए केवल वर्षा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। डबरी निर्माण से मत्स्य पालन जैसे स्थायी आय के साधन भी सुलभ होंगे, जिससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा अनुभव हो रहा है कि शासन की योजनाएं वास्तव में जमीनी स्तर तक पहुँच रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि धरती आबा अभियान के माध्यम से मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक सीधे पहुँच रहा है। शिविर में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति रही विशेष कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य हेमलता मंडावी, जनपद सदस्य प्रतिनिधि पवार मेरावी, ग्राम पंचायत नचनिया की सरपंच तारा अश्वन धुर्वे, पंचगण, संबंधित अधिकारी-कर्मचारी, सचिव, रोजगार सहायक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे। जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय पहल धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत शासन का उद्देश्य है कि जनजातीय समुदायों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसी उद्देश्य से जिले के 15 चिन्हित ग्रामों में विशेष शिविरों का आयोजन कर योजनाओं की जानकारी, आवेदन प्रक्रिया और स्वीकृति की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही है। शिविर में बड़ी संख्या में जनजातीय वर्ग के लोगों ने भाग लिया और योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर आवेदन प्रस्तुत किए। इस पहल से जनजातीय समुदायों में जागरूकता और विश्वास में वृद्धि हो रही है।