सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिला अपर सत्र न्यायालय ने आज महत्वपूर्ण फैसले में जान से मारने का प्रयास करने वाले चाचा-भतीजा को 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जानकारी अनुसार जिले के छुईखदान थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम साल्हेकला निवासी सियाराम साहू को जान से मारने का प्रयास किया गया था. घटना तीन वर्ष पूर्व 21 दिसंबर 2019 की दोपहर 1 बजे की है जब प्रार्थी सियाराम अपने घर के आंगन में बैठा हुआ था तभी आरोपी संतराम उर्फ संतूराम साहू कोठार की ओर से उसके आंगन में प्रवेश किया और प्रार्थी पर टोटका करने का आरोप लगाते हुये उसे माँ-बहन की अश्लील गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी देते हुये डंडे से उसके सिर पर दो बार प्राण घातक हमला कर दिया. इस दौरान प्रार्थी आरोपी का हाथ-पैर जोडक़र मारने से मना करता रहा लेकिन आरोपी संतराम ने अपने पास रखे मिर्ची पावडर को उसकी आंखों में छिटक दिया लेकिन गनिमत प्रार्थी के आंख में मिर्ची पावडर न लगकर उसके शरीर के अन्य हिस्से में गिर गया. इसी दौरान आरोपी का भतीजा रूपेश साहू भी वहां आ गया और वह भी प्रार्थी सियाराम को जान से मारने की धमकी देते हुये धारदार चाकू निकालकर उसके पेट में दो-तीन बार वार किया.
जान बचाते हुये प्रार्थी घर के मवेशी कोठे की ओर घुस गया लेकिन दोनों आरोपी भी उसके पीछे वहां पहुंच गये और आरोपी रूपेश ने फिर से चाकू निकालकर उसके पेट पर तीन-चार बार प्राण घातक हमला किया. बुरी तरह घायल प्रार्थी किसी तरह आरोपियों से बचकर गांव के गौठान की ओर भागा लेकिन वह गौठान के पास जाकर गिर गया. इसी दौरान गांव के भुनेश्वर साहू व घसियाराम साहू ने दूरभाष से चिकित्सकीय वाहन बुलाकर उसे छुईखदान अस्पताल में भर्ती कराया. मामले की जानकारी पुलिस को होने पर प्रार्थी व साक्षीगणों के बयान के आधार पर आरोपी संतराम उर्फ संतूराम साहू के विरूद्ध आईपीसी की धारा 450, 506 भाग 02, 307/34 व आरोपी रूपेश साहू के विरूद्ध आईपीसी की धारा 450, 506 भाग 02, 307/34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई तदोपरांत हत्या के प्रयास में प्रयुक्त सामान व सामग्री व अन्य खून के नमूने आदि को एफएसएल के लिये न्यायालयिक विज्ञान प्रयोग शाला रायपुर भेजा गया तथा अन्य आवश्यक अनुशंधान के लिये अभियोग पत्र न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी छुईखदान के समक्ष पेश किया गया जिसके बाद जिला अपर सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई और अंतत: विद्वान न्यायाधीश चंद्रकुमार कश्यप ने आरोपियों पर दोष सिद्ध पाते हुये उन्हें अधिकतम 7 साल के सश्रम कारावास तथा अर्थदंड की अतिरिक्त राशि जुर्माना से दंडित किया है. प्रार्थी की ओर से मामले की पैरवी शास.अपर लोक अभियोजक सैय्यद अलताफ अली ने की.