संत कबीर दास जी के दर्शन पर प्रेक्षागृह में हुई संगोष्ठी, विद्वानों ने रखे विचार

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. शैक्षिक प्रगतिशील मंच और संत कबीर विचार मंच खैरागढ़ के संयुक्त तत्वावधान में कबीर के व्यक्तित्व और दर्शन पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय प्रेक्षागृह में आयोजित संगोष्ठी में संत कबीर के विचार, लोकमान्यता, रहस्यवाद सहित विभिन्न पहलुओं पर अकादमिक परिचर्चा संपन्न हुई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई ततपश्चात एसडीएम टी.पी. साहू ने कबीर के विचारों को आज भी प्रासंगिक बताते हुए उन्हें जीवन दर्शन का आधार बताया। बोधिसत्व फाउंडेशन नागपुर के संजय वंदना जीवने द्वारा कबीर बानी और जीवन पर आधारित नाट्य मंचन प्रस्तुत दी गई जिसकी खूब सराहना हुई। दुर्ग के डॉ.जयप्रकाश साव ने दक्षिण भारत की भक्ति परंपरा से लेकर काशी के विद्वानों की संगत, शास्त्रार्थ और निचली जातियों के गुरुओं के उत्थान पर विस्तार से प्रकाश डाला। विश्वविद्यालय प्रभारी कुलपति डॉ.राजन यादव ने कबीर के गुरु गोरखनाथ और भारत में नाद परंपरा पर जानकारी दी। राजनांदगांव के बौद्ध भिक्षु धम्मतप ने कबीर के विचारों को गौतम बुद्ध के दर्शन से जोड़ते हुए उन्हें ठीक से आत्मसात करने पर जोर दिया। रायपुर के शाकिर कुरैशी ने मुस्लिम समाज में कबीर की मान्यता पर प्रकाश डाला। डाइट प्राचार्य डॉ.सुनील शर्मा ने कबीर को भारत का रत्न और आज के युग की आवश्यकता बताया। कोरबा के बासादास साहेब ने दामाखेड़ा मठ और सद्गुरु कबीर के आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया। प्रो.के.मुरारी दास ने आयोजन की सराहना करते हुये भविष्य में ईसाई और सिख पंथ के प्रतिनिधियों को भी जोड़ने का सुझाव दिया। संत विजय साहेब कबीर इरईकला ने पारख सिद्धांत और कबीर के बिना देवता के गहरे आध्यात्मिक प्रयोगों पर विचार रखे।

समापन सत्र में अपर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ प्रेमकुमार पटेल ने ऐसे आयोजनों की निरंतरता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन भावी पीढ़ी के बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस सार्थक आयोजन के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। समारोह का संयोजन नीलेश यादव ने किया, संचालन विप्लव साहू ने और आभार प्रदर्शन हीरेन्द्र साहू ने किया। पूरी तरह जनसहयोग पर आधारित इस संगोष्ठी में डॉ.भोला साहू, डॉ.पी.डी. वर्मा, गोपाल साहू, गोरेलाल वर्मा, संतु धरमगढ़े, इंजी. महेंद्र कुमार, मानसमणि साहू, दुर्गेशनंदिनी श्रीवास्तव, बिंदु श्रीवास, रूपेंद्र मानिकपुरी, कृष्णा साहू, जितेंद्र धनकर, एवन साहू, जान्हवी जोशी, विक्की सिन्हा, किशन साहू आदि साथियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन, संत-महंत के साथ रायपुर, कवर्धा, राजनांदगांव, दुर्ग, मोहला-मानपुर, डोंगरगढ़, धमधा सहित विभिन्न क्षेत्रों से श्रोतागण, ममता साहू धमतरी, जीवन यदु राही, डॉ.प्रशांत झा, एड. तीरथ चंदेल, एड. अनुज देवांगन सहित शिक्षा और साहित्य जगत के प्रबुद्धजन, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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