विवेकानंद स्कूल में मनाई गई कलाम जयंती

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर उनकी परम्परा से अपने आप को जोड़ते हुए कलाम जी के कृतित्व-व्यक्तित्व पर ‌परिचर्चा का आयोजन प्रार्थना सभा सम्पन्न हुआ है। आयोजन में सभी विज्ञान के शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर सुश्री मोनिका वाल्मीक ने कहा कि अनपढ़ता माहौल के बावजूद अनगढ़ता को हावी नहीं होने दिया और देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति बने और वैज्ञानिक भी। सुश्री दिव्या महोबे ने उनके कथन को आधार बनाते हुए कहा कि भविष्य और सपना जुड़ाव ऐसा है कि सपना के बिना भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। परमेश्वर रजक असफलता की निराशा और घबराहट से विद्यार्थियों को रास्ता दिखाते हुए कहा कि तीन-चार असफल होने के बाद वे सन् 1980 मिसाइल मेन के नाम से जाने गए। सुश्री निधि सिंह राजपूत ने कहा कि सपने देखना सफलता की पहली सीढ़ी है जैसे कलाम जी ने सपना देखा और सफलता की सीढ़ी चढ़ते गये और वे कहते थे कि सपने वही है जो हमें सोने नहीं दे। सुश्री दीक्षा महोबे ने कहा कि वे मरकर सभी दिलों में जिंदा रहने वाले व्यक्ति थे। वैज्ञानिक तो थे ही साथ ही मनुष्यता का साथ कभी भी नहीं छोड़ा। वे अपनी आय का बड़ा हिस्सा बच्चों और जरुरतमंदों को देते थे। सुश्री वंदना वर्मा ने कहा कि वे आजातशत्रु की तरह थे। उन्होंने मेहनत को अपनी सफलता का आधार बनाया। सुश्री ज्योति वर्मा ने उन्हें जनता का राष्ट्रपति बताते हुए कहा कि वे दलगत राजनीति से दूर रहें। सुश्री आरती आहूजा ने उनके शिक्षक और विद्यार्थी के अन्तर्सम्बन्ध को बात रखते हुए कहा कि वे शिक्षक और विद्यार्थी के सम्बन्ध को बहुत ही पवित्र मानते थे और इसीलिए कहते थे कि एक शिक्षक के रूप लोगों के जिन्दा रहना चाहते हैं। संचालन करते हुए संकल्प यदु ने कहा कि जिन्दा रहने का नाम ही एपीजे अब्दुल कलाम है क्योंकि वे सपनों और भविष्य के प्रति प्रतिबद्ध थे और प्रतिबद्धता ही हमें मनुष्य बनाती है।अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य श्रीमती पूजा पाण्डेय ने कहा कि विद्यार्थी का पहला लक्षण उनका पूछना है जिसे बदहाल और अशिक्षा के माहौल ने एपीजे अब्दुल कलाम जैसे व्यक्तित्व को जन्म दिया। आप सबसे उम्मीद है कि मेहनत कर के अपना भविष्य और बेहतर बनाएगे, जो आपको अपने लक्ष्य तक सरलता से पहुॅंचाए।
इससे पहले श्रीमती वीणा रंहगलाने के नेतृत्व में जितेन्द्र राव कासर्लेवार, श्रीमती गंगोत्री जंघेल सुश्री सृष्टि सिंह ने एक.पी.जे.अब्दुल कलाम जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित-पुष्पगुच्छ अर्पितकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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