
गर्मी में लू से बचने आवश्यक उपाय करने आग्रह
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़ (मनोहर सेन) खैरागढ़ अप्रैल लगते ही ग्रीष्म कालीन मौसम प्रारंभ होने एवं अधिक गर्मी पड़ने से शुष्क वातावरण में लू (तापाघात) की संभावना के चलते स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. जारी एडवाइजरी में चिकित्सकों ने बताया कि लू घातक या जानलेवा हो सकता है. जिले में बढ़ रही गर्मी को ध्यान में रखते हुये कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू से बचाव के लिये आवश्यक उपाय अपनाने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.के.दास ने बताया कि जिले में लगातार मौसम परिवर्तन के बाद तेज धूप एवं गर्मी प्रारंभ हो गया है. जिसके कारण लू लगने की संभावना बढ़ गई है. सूर्य की तेज गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान में विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे शरीर में पानी और खनिज लवण नमक की कमी हो जाती है इसे लू लगना या हीट-स्ट्रोक कहा जाता है. वर्तमान में घर से बाहर जाकर ऑफिस वर्क करने वाले, खेती कार्य मे लगे आमजन तथा बाजार में खरीददारी आदि कार्य करने वाले व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में पानी एवं पेय पदार्थाे का सेवन नहीं कर पाते हैं. इस कारण वे निर्जलीकरण के शिकार हो जाते हैं, जिसका समय पर उपचार ना मिलने के कारण मरीज की हालत गंभीर हो जाती है.
लू से बचाव के लिये करें आवश्यक उपाय
आम लोगों के द्वारा आवश्यक उपाय अपनाकर लू (तापाघात ) से बचाव किया जा सकता है. जिसके अंतर्गत गर्मी के दिनों में हमेशा घर से बाहर जाते समय सफेद, सूती या हल्के रंग के कपड़े पहनना, भोजन करके तथा पानी पीकर ही घर से बाहर निकलना, घर से बाहर जाते समय गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को कपड़े गमछे से ढककर ही निकलना, छतरी एवं रंगीन चश्मे का प्रयोग करना, गर्मी के दिनों में अधिक मात्रा में पानी पिना तथा ज्यादातर पेय पदार्थों का सेवन करना सहित अन्य उपाय अपना सकते है. इसी प्रकार बाहर जाते समय पानी साथ रखें, धूप में बेवजह बाहर जाने से बचें, बच्चों बुजुर्गाे व गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें, साथ ही उन्हें समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करें एवं सुपाच्य भोजन एवं तरल पदाथों का सेवन करायें गर्मी के दिनों में तीव्र धूप को घर के अंदर आने से रोकें तथा जहाँ तक संभव हो अधिक से अधिक समय तक धूप में रहकर घर व्यायाम तथा मेहनत का काम ना करें, धूप में नंगे पांव ना चलें. इन सावधानियों को अपनाकर स्वयं को लू (तापाघात ) से बचा जा सकता है.
ये होते सकते है लू (तापाघात) के लक्षण
लू का शिकार होने पर व्यक्ति में सिर दर्द, बुखार, उल्टी एवं अत्यधिक पसीना आना, बेहोशी, चक्कर आना, सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन तथा त्वचा लाल एवं सूखी होना जैसे अन्य लक्षण शामिल है. लू से बचाव के लिये प्राथमिकी उपचार के तौर पर रोगी को छायादार स्थान पर कपड़े गीले कर लिटायें एवं हवा करें. रोगी को बेहोशी की स्थिती में कोई भी भोज्य पेय पदार्थ का सेवन नहीं कराये एवं उसे तत्काल चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायें. रोगी के होश में आने की स्थिती में उसे ठंडे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पना आदि पेय पदार्थाे का सेवन कराये. रोगी के शरीर के तापमान को कम करने के लिए उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियाँ रखें, प्रभावित व्यक्ति को शीघ्र ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र उपचार के लिए ले जायें सीएमएचओ डॉ.दास ने बताया कि जिले के सिविल अस्पताल,सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में लू (तापाघात) से बचाव के लिये पर्याप्त मात्रा में आवश्यक जीवनरक्षक दवाईयॉ एवं ओ.आर.एस. की उपलब्धता सुनिश्चित की गई हैं.